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08 दिसंबर 2012

यूपी में गन्ने का खरीद मूल्य 16 फीसदी से ज्यादा बढ़ा

किसानों का रुख सपा ने 350 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य का वायदा किया था चालू सीजन में लागत 228-232 रुपये प्रति क्विंटल आंकी गई 33.64 फीसदी मार्जिन जोड़ा जाता तो 300 रुपये मूल्य होता एसएपी निर्धारण में देरी से किसानों ने सस्ता भाव पर बेची उपज चालू पेराई सीजन 2012-13 (अक्टूबर से सितंबर) के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने का राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) 275 से 290 रुपये प्रति क्विंटल तय कर दिया है। पिछले साल के मुकाबले एसएपी में 16.6 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। पिछले सीजन में गन्ने का एसएपी 235-250 रुपये प्रति क्विंटल था। राज्य सरकार ने चालू पेराई सीजन के लिए अगेती किस्म के गन्ने का एसएपी 290 रुपये और सामान्य किस्म के लिए 280 रुपये तथा दोयम किस्म के गन्ने के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल का दाम तय किया है। इस बढ़ोतरी से चीनी मिलों को चालू पेराई सीजन के लिए किसानों को करीब 21,500 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा, जो बीते पेराई सीजन 2011-12 के मुकाबले करीब 3,300 करोड़ रुपये ज्यादा होगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने गन्ने की परिवहन लागत में भी कमी कर दी है। चालू पेराई सीजन में परिवहन लागत 5.75 रुपये प्रति क्विंटल की होगी जो पिछले पेराई सीजन में 8.75 रुपये प्रति क्विंटल थी। पिछले पेराई सीजन में मायावती सरकार ने गन्ने का दाम 235 से 250 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन (आरकेएमएस) के संयोजक वी. एम. सिंह ने कहा कि सपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में गन्ने का दाम 350 रुपये प्रति क्विंटल तय करने का वायदा किया था। वैसे भी राज्य सरकार के शाहजहांपुर स्थित गन्ना शोध संस्थान ने प्रति क्विंटल गन्ने की लागत 228 रुपये और मेरठ के सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय ने 232 रुपये प्रति क्विंटल का आंकी थी। पिछले साल की तर्ज पर अगर उत्पादन लागत के साथ 33.64 फीसदी मार्जिन जोड़कर एसएपी तय किया जाता तो भी चालू पेराई सीजन के लिए गन्ने का एसएपी लगभग 300 रुपये प्रति क्विंटल होता। इसके अलावा राज्य में करीब 25 फीसदी गन्ने की पेराई हो चुकी है तथा राज्य सराकर द्वारा गन्ने का एसएपी तय करने में हुई देरी की वजह से किसानों ने कोल्हू संचालकों और क्रशर मालिकों को 200 से 220 रुपये क्विंटल की दर पर गन्ना बेचा है। जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। गन्ने के पेराई सीजन में देरी होने से उत्तर प्रदेश में अभी तक चीनी उत्पादन में 37 फीसदी की गिरावट आई है। राज्य में अक्टूबर से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 3.9 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 6.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar....R S Rana)

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