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12 जनवरी 2013

मंदी में शीतल हुआ पीतल

आर्थिक सुस्ती से 'पीतल नगरी' पीली पड़ गई है जिससे मुरादाबाद के निर्यातकों के चेहरे मुरझा गए हैं। साल 2012 में पीतल नगरी के निर्यात में 20 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई। मुरादाबाद के निर्यातकों का कहना है कि इतनी गिरावट तब है, जब डॉलर रुपये के मुकाबले काफी महंगा है। मुरादाबाद के कुल निर्यात में 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी यूरोप व अमेरिका की है। मुरादाबाद में पीतल, एल्युमीनियम, और लोहे से बने हस्तशिल्प गिफ्ट, यूटिलिटी उपकरण, बाथरूम, गार्डन में काम आने वाले उपकरण और होम डेकोरेशन के सामान की देश-विदेश में भारी मांग रहती है। मुरादाबाद हस्तशिल्प निर्यातक संघ के महासचिव सत्या पाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि साल 2011 में पीतल नगरी से 3,000 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। उन्होने कहा कि 2011 के आखिरी महीनों से निर्यातकों को ऑर्डर कम मिलने शुरू हुए और साल 2012 में तो पूरे साल ही ऑर्डर कम मिले, जिससे पीतल निर्यातकों का कारोबार 20 फीसदी (500 से 600 करोड़ रुपये ) घटा। संघ के ही अध्यक्ष अब्दुल अजीम कहते हैं कि मात्रा के लिहाज से कारोबार काफी कम रहा, लेकिन डॉलर की मजबूती से मूल्य के रूप में यह गिरावट 20 फीसदी रही। अगर डॉलर मजबूत न हुआ होता तो निर्यात में और ज्यादा कमी आती। हालांकि डॉलर की मजबूती का निर्यातकों को खास फायदा भी नहीं हुआ। अजीम बताते हैं कि बढ़ती लागत के बीच खरीदारों ने इस मजबूती की आड़ में निर्यातकों से छूट मांगी। इससे निर्यातकों के मुनाफे में कमी आई। निर्यातक अब्दुल कादिर ने कहा कि कई बार तो निर्यातकों को 2 से 4 फीसदी मुनाफे पर काम करना पड़ा। अजीम इस साल कारोबार के बारे में बताते हैं कि असली तस्वीर आगामी व्यापार मेलों से मिलने वाले ऑर्डर के बाद साफ होगी। फिर भी ऐसा लगता है कि अमेरिका में स्थित सुधरेगी। जिससे निर्यातकों को वहां से ठीक ऑडर्र मिलने की उम्मीद है, लेकिन यूरोप को लेकर अनिश्चितता की स्थिति है। (BS Hindi)

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