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22 जनवरी 2013

मूंगफली शेलिंग इकाइयां खफा

मूंगफली के छिलके उतारने वाली शेलिंग इकाइयों ने गैर-यूरोपीय संघ (ईयू) के देशों को मूंगफली निर्यात के लिए विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) के नए पंजीकरण नियमों का विरोध किया है। इन इकाइयों ने भारतीय तिलहन एवं उत्पाद निर्यात संवर्धन परिषद (आईओपीईपीसी) की अनिवार्य सदस्यता लेने से भी इनकार कर दिया है। इस साल 3 जनवरी को जारी डीजीएफटी की अधिसूचना के मुताबिक मूंगफली का निर्यात करने के लिए कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) में पंजीकरण कराना होगा और एपीडा से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से प्रमाणपत्र लेना होगा जिसमें यह दर्ज होगा कि संबंधित उत्पाद में हानिकारक तत्व निर्धारित सीमा से अधिक नहीं है। इस अधिसूचना के बाद भारतीय तिलहन एवं उत्पाद निर्यात संवर्धन परिषद के अधिकारियों ने पिछले सोमवार को नई दिल्ली में वाणिज्य मंत्रालय और डीजीएफटी के अधिकारियों से मुलाकात की। इसके बाद सरकार ने 4 जनवरी तक की निर्यात खेप के लिए बंदरगाहों पर पहले से पड़ी मूंगफली के लिए वैधानिक प्रक्रिया आसान बनाने की अनुमति दे दी। आईओपीईपीसी के अध्यक्ष राजेश भेडा ने बताया कि एपीडा ने 9 जनवरी को एक व्यापार नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मूंगफली और इसके उत्पादों के निर्यात की प्रक्रिया का अनुपालन करना होगा। नोटिस में यह भी जिक्र किया गया है कि केवल आईओपीईपीसी से मान्यता प्राप्त इकाइयों और गोदामों से ही मूंगफली और इसके उत्पादों के निर्यात की इजाजत मिलेगी। छिलका उतारने वाली इकाइयों और मूंगफली व्यापारियों की बैठक में नए नियमों का कड़ा विरोध किया। जूनागढ़ के स्मित इंटरनैशनल ट्रेड ब्रोकर्स के कल्पेश हिंडोचा ने कहा, 'आईओपीईपीसी को सरकार के पास जाने से पहले हमसे विचार-विमर्श करना चाहिए था। सरकार ने जो नियम थोपे हैं, वे छिलका इकाइयों के लिए व्यावहारिक नहीं हैं, बल्कि ये नियम केवल निर्यातकों के लिए होने चाहिए।' भेडा ने यह भी बताया कि रूस और यूरोपीय संघ के देशों को छोड़कर अन्य देशों को मूंगफली और इसके उत्पादों के निर्यात के लिए छिलका इकाइयों को भी पंजीकरण कराना होगा। इसका मकसद निर्यात खेपों पर नजर रखने की प्रणाली विकसित करना है जिससे कि आपूर्तिकर्ताओं से उनकी खरीद का रिकॉर्ड रखा जा सके। नए नियमों के मुताबिक पंजीकृत इकाइयों को हानिकारक तत्वों की मौजूदगी और निर्यात के लिए नमी की सीमा संबंधी मानदंडों के वास्ते कोडेक्स नियमों का भी पालन करना होगा। (BS Hindi)

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