कुल पेज दृश्य

11 फ़रवरी 2013

नेचुरल रबर सस्ती होने पर भी टायरों की कीमत नहीं घटी

आर एस राणा नई दिल्ली | Feb 11, 2013, 01:19AM IST गिरावट - घरेलू बाजार में रबर के दाम पिछले अप्रैल से 23 फीसदी गिरे बाजार का रुख कोट्टायम में पिछले 7 अप्रैल को रबर के दाम 198-200 रुपये प्रति किलो थे शनिवार तक मूल्य 23.2 फीसदी घटकर 152-157 रुपये प्रति किलो रह गए हालांकि बैंकाक में कीमत नहीं घटी, शनिवार को भाव 175 रुपये प्रति किलो विदेश में रबर महंगी होने से आयात के नए सौदे होने की संभावना नहीं नेचुरल रबर में गिरावट का लाभ सिर्फ कंपनियां उठा रहीं नेचुरल रबर की कीमतों में आई गिरावट का लाभ सिर्फ उपभोक्ता उद्योग उठा रहे हैं। रबर की कीमतों में गिरावट आने से उत्पादक किसानों की आय में तो कमी आई है लेकिन उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि टायर और दूसरे रबर उत्पादों की कीमतें नहीं घटी हैं। गौरतलब है कि घरेलू बाजार में अप्रैल 2012 से अभी तक नेचुरल रबर के भाव में 23.2 फीसदी की गिरावट आई है। कोट्टायम में शनिवार को नेचुरल रबर के दाम 152-157 रुपये प्रति किलो थे। ऑल इंडिया टायर डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष एस. पी. सिंह ने बिजनेस भास्कर को बताया कि नेचुरल रबर की कीमतों में आई गिरावट का फायदा कंपनियों खुद उठा रही हैं। टायर कपंनियों ने पिछले दो साल में टायर के दाम 20 से 25 फीसदी तक बढ़ाए हैं। पिछले दस महीनों में घरेलू बाजार में नेचुरल रबर के दाम 23 फीसदी से ज्यादा घट चुके हैं। ऐसे में टायर की कीमतें भी घटनी चाहिए थी, लेकिन कंपनियां दाम घटाने को राजी नहीं है। बस और ट्रक टायर की बिक्री अप्रैल से जनवरी के दौरान 24-25 फीसदी कम हुई है। नेचुरल रबर की 65 फीसदी खपत बस और ट्रक के टायर तथा ट्यूब में होती है। रबर मर्चेंट्स एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि नेचुरल रबर की मांग कमजोर होने से दाम घट रहे हैं। कोट्टायम में 7 अप्रैल 2012 में नेचुरल रबर का दाम 198-200 रुपये प्रति किलो था जबकि शनिवार को भाव घटकर 152-157 रुपये प्रति किलो रह गया। हालांकि बैंकाक में इस दौरान कीमतें नहीं घटी है। अप्रैल महीने में बैंकाक में नेचुरल रबर का भाव 177-178 रुपये प्रति किलो था जबकि शनिवार को दाम 175 रुपये प्रति किलो था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम भारत के मुकाबले ज्यादा होने से आगामी दिनों में आयात के नए सौदे नहीं होंगे, लेकिन घरेलू बाजार में कीमतों में अभी तेजी की संभावना नहीं है। रबर बोर्ड के अनुसार अप्रैल से दिसंबर 2012 के दौरान नेचुरल रबर का घरेलू उत्पादन 693,200 टन का हुआ है जबकि इस दौरान खपत 742,330 टन की हुई है। अप्रैल से दिसंबर के दौरान आयात 137,031 टन का हुआ है जो पिछले साल की समान अवधि के 168,686 टन से कम है। 31 दिसंबर 2012 को घरेलू बाजार में नेचुरल रबर का कुल स्टॉक 290,000 टन का है। इंटरनेशनल रबर स्टडी ग्रुप (आईआरएसजी) की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से दिसंबर 2012 के दौरान विश्व में रबर उत्पादन 3.2' बढ़ा जबकि इस दौरान खपत 1.1 कम रही। आर्थिक मंदी के असर से अमेरिका और यूरोपीय देशों की मांग कम हुई है जबकि इस दौरान चीन में खपत की गति भी धीमी हुई है। (Business Bhaskar)

कोई टिप्पणी नहीं: