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27 फ़रवरी 2013

चार प्रतिशत वृद्धि दर के लिये कृषि क्षेत्र में तत्काल सुधार की जरूरत: समीक्षा

नयी दिल्ली। किसानों को खेती-बाड़ी की ओर प्रेरित करने तथा बढ़ती आबादी को भोजन उपलब्ध कराने के लिये कृषि उत्पादन में वृद्धि तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निजी निवेश की जरूरत है और इसके लिये कृषि क्षेत्र में तत्काल सुधार की आवश्यकता है। पिछले पांच साल में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4 प्रतिशत के लक्ष्य से कम रहने को ध्यान में रखते हुए आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गयी है। संसद में आज पेश 2012-13 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 11वीं पंचवर्षीय योजना :2007-12: के दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत रही जो 4 प्रतिशत के लक्ष्य से कम है। हालांकि यह नौवीं तथा 10वीं योजना में क्रमश: 2.5 प्रतिशत तथा 2.4 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में अधिक है। समीक्षा के अनुसार कृषि क्षेत्र में पिछले कुछ साल में व्यापक सुधार हुआ है लेकिन इसके बावजूद देश ऐसी जगह पर है जहां कृषि के क्षेत्र में सतत वृद्धि के लिये दक्षता तथा उत्पादकता बढ़ाने को लेकर और सुधार की तत्काल जरूरत है। इसमें कहा गया है कि बाजार की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए स्थिर नीतियों, बुनियादी ढांचा में निजी निवेश बढ़ाये जाने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली :पीडीएस: में सुधार, खाद्य कीमत तथा भंडारण प्रबंधन में सुधार तथा प्रत्याशित व्यापार नीति अपनाये जाने की जरूरत है। समीक्षा के अनुसार इन कदमों के साथ कौशल विकास तथा बेहतर शोध एवं विकास और रिण तथा बीजों की आपूर्ति में सुधार की दिशा में पहल करने की जरूरत है। देश के समक्ष बढ़ती आबादी को भोजन उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है। इसको देखते हुए कृषि क्षेत्र की बाधाओं तथा चुनौतियों को दूर करने की जरूरत है ताकि कृषक समुदाय को और उपज के लिये प्रेरित किया जा सके और 12वीं योजना में 4 प्रतिशत वृद्धि के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। (भाषा) (Jansatta)

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