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13 फ़रवरी 2013

जिंस एक्सचेंजों में अप्रैल-जनवरी का कारोबार सुस्त

जिंस एक्सचेंजों में कारोबार सुस्त बना हुआ है और चालू वित्त वर्ष में 15 जनवरी तक घट कर 136.51 करोड़ रुपये रहा। वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि इस गिरावट का मुख्य कारण सर्राफा वर्ग में कारोबार में गिरावट है। देश में 21 जिंस एक्सचेंज हैं। इन एक्सचेंजों में संयची कारोबार पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 144.31 लाख करोड़ रुपये का था। जिंस बाजार के नियामक एफएमसी ने अपनी रिपोर्ट यह जानकारी दी है। सर्राफा कीमतों में उतार-चढ़ाव और चालू खाता घाटे को कम करने के लिए इसके आयात शुल्क को बढ़ाकर छह फीसदी करने के कारण जिंस एक्सचेंजों के मंच पर सर्राफा वायदा कारोबार दबाव में आ गया है। विशेषज्ञों ने कहा कि सर्राफा कारोबार पर लेनदेन कर लगाने की खबर के कारण कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। एफएमसी के आंकड़ों के अनुसार सर्राफा श्रेणी में वायदा सौदों का संचयी आकार चालू वित्त वर्ष में (अप्रैल से 15 जनवरी के बीच) एक साल पूर्व के 24.56 प्रतिशत घटकर 63.21 लाख करोड़ रुपये रह गया। पिछले वर्ष की समान अवधि में इस वर्ग में 83.78 लाख करोड़ रुपये के सौदे हुए थे। कृषि जिंसों, ऊर्जा और धातु जैसे अन्य सामग्रियों के खंड का कारोबार पिछले वर्ष के मुकाबले बेहतर रहा। चालू वित्त वर्ष में 15 जनवरी तक ऊर्जा श्रेणी में सौदे 30 फीसदी बढ़कर 29.86 लाख करोड़ रुपये के बराबर रहे। पूर्व वर्ष की समान अवधि में इनका आकार 22.97 लाख करोड़ रुपये का था। इसी तरह धातुओं की श्रेणी में कारोबार 18 फीसदी बढ़कर 25.49 लाख करोड़ रुपये और कृषि जिंसों का वायदा कारोबार 13 फीसदी बढ़कर 17.95 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। देश में कुल 21 जिंस एक्सचेंजों में से एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स, एनएमसीई, आईसीईएक्स और एसीई राष्ट्रीय स्तर के एक्सचेंज हैं जबकि शेष क्षेत्रीय आधार पर काम करते हैं। (BS Hindi)

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