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06 मार्च 2013

कृषि ऋण माफी योजना में नही हुआ धन का दुरुपयोग: पवार

ई दिल्ली: कृषि मंत्री शरद पवार ने आज कहा कि 52,000 करोड़ रुपये की कृषि ऋण माफी योजना में धन का दुरुपयोग नहीं हुआ। उन्होंने मामले की और साफ तस्वीर सामने लाने के लिये योजना की विस्तृत लेखा परीक्षा करने को कहा। पवार ने कहा कि लेखापरीक्षा में जो नमूना लिया गया, वह काफी छोटा था। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को बड़ी संख्या में ऐसे खातों की जांच करनी चाहिए। पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत सरकार ने निर्णय किया और पैसा बैंकों को भेजा गया। रिजर्व बैंक तथा नाबार्ड राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक की निगरानी में बैंकों ने खातों तथा लाभार्थियों की सूची का चयन किया। पैसा सीधे खातों में भेजा गया। ऐसे में गड़बड़ी का सवाल कहां उठता है।’’ कैग रिपोर्ट में योजना के क्रियान्वयन में गड़बड़ी के खुलासे के बाद मंत्री का यह बयान आया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हजारों लाभार्थी योग्य नहीं थे जबकि जो योग्य थे, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला। हालांकि, पवार ने बैंकों द्वारा तैयारी सूची में योजना के तहत पात्र कुछ किसानों का नाम शामिल नहीं होने तथा अपात्र किसानों को योजना का लाभ मिलने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया। शरद पवार ने कहा, ‘‘हमें यह समझना होगा कि कुल खातों की संख्या 3.7 करोड़ थी, कैग ने 90,576 खातों को बतौर नमूना लिया। इसका मतलब है कि 0.25 प्रतिशत खातों की जांच की गयी। देश भर के लिये इतने बड़े पैमाने पर योजना की जांच इतने छोटे आंकड़ों से करना और निष्कर्ष पर पहुंचना मेरे हिसाब से सही नहीं है। हमें और सूचना प्राप्त करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि जब बड़ी संख्या में खातों का आडिट होगा तब इस मुद्दे पर विचार किया जाना चाहिए। इससे हमें सही तस्वीर देखने को मिलेगी। कैग की प्रारंभिक रिपोर्ट मिलने के बाद वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक तथा नाबार्ड को पत्र लिखकर कहा था कि कैग द्वारा जितने खातों की जांच की गयी है, वह ‘पर्याप्त’ नहीं है और सभी खातों की जांच यथाशीघ्र होनी चाहिए। पवार ने कहा कि बैंक अपात्र किसानों से पैसा वापस लिया जा सकता है और केंद्र को योग्य किसानों को लाभ पहुंचाने के बारे में निर्णय करना होगा। (Punjab Kesari)

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