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26 मार्च 2013

गिरावट की गंध से मेंथा में सर्किट

लंबे समय से मेंथा तेल में जारी गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाजिर बाजार में मांग कमजोर पडऩे और वायदा बाजार में जारी मुनाफावसूली के चलते पिछले एक महीने में मेंथा तेल की कीमतों में करीब 20 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। घरेलू और विदेशी मांग कमजोर होने और उत्पादन बढऩे की उम्मीद से अगले एक दो सप्ताह में मेंथा तेल की कीमतों में अभी और गिरावट के कयास लगाए जा रहे हैं। घरेलू और निर्यातक मांग कमजोर होने से मेंथा तेल हाजिर बाजार में पिछले एक महीने में 225 रुपये प्रति किलोग्राम टूटकर 1224 रुपये रह गया है। वायदा बाजार में भी यह करीब 20 फीसदी गिरा है। सोमवार को एमसीएक्स पर भारी मुनाफावसूली केकारण मेंथा तेल में लोअर सर्किट लग गया। एमसीएक्स पर मेंथा तेल मार्च अनुबंध चार फीसदी गिरावट के साथ 1079.80 रुपये , अप्रैल अनुबंध चार फीसदी गिरकर 1084 रुपये, मई अनुबंध भी चार फीसदी लोअर सर्किट के साथ 1068 रुपये और जून अनुबंध की कीमतें गिरकर 1022 रुपये प्रति किलो पहुंच गईं। मेंथा की नई फसल तैयार होने का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, स्टॉकिस्टों की धड़कनें तेज हो रही हैं, घरेलू के साथ विदेशी ग्राहक भी मौजूदा दर पर मेंथा नहीं खरीदना चाह रहे हैं। कारोबारियों के अनुसार दरअसल विदेशों में सिंथेटिक तेल का उपयोग ज्यादा हो रहा है जो मेंथा के मुकाबले सस्ता पड़ा रहा है। घरेलू फार्मा कंपनियां भी सिर्फ उतना ही माल खरीद रही हैं जितनी उनको तत्काल जररुत है क्योंकि गिरते बाजार में कोई नए सौदे नहीं करना चाह रहा है। कोटक कमोडिटीज के फैयाज हुदानी कहते हैं कि पर्याप्त स्टॉक के बीच उत्पादक क्षेत्र चंदौसी से आवक बढऩे के कारण कीमतों में तेज गिरावट हो रही है। हाजिर बाजार में कीमतें टूटने और कीमतों में और गिरावट के आसार में कारोबारी वायदा बाजार में मुनाफावसूली कर रहे हैं जिससे कीमतों मे लगातार गिरावट हो रही है। उनकी राय में मेंथा तेल फंडामेंटल और टेक्नीकल दोनों लिहाज से मजबूत नहीं दिख रहा है। बाजार में मांग से अधिक स्टॉक मौजूद है और इस बार उत्पादन भी ज्यादा रहने वाला है जिससे कीमतों को टूटना लाजिमी है।चार साल पहले जब मेंथा तेल का वायदा कारोबार शुरु हुआ था तो इसकी कीमत 500 रुपये प्रति किलोग्राम से भी कम थी जो बढ़कर 9 मार्च 2012 को 2564 रुपये किलोग्राम तक पहुंच गई। लेकिन इसके बाद कीमतों में गिरावट शुरु हुई जो इस समय हाजिर बाजार में 1200 रुपये के करीब पहुंच गई है। हाजिर बाजार में मेंथा तेल की कीमतें गिरकर 1000 रुपये तक पहुंचीं तो इसका असर वायदा बाजार पर भी पड़ेगा। नई फसल आने में करीब दो महीने हैं। यह 20 जून के बाद मंडियों में आएगी। स्टॉकिस्टों के पास अभी करीब 10,000 टन मेंथा तेल है जिससे आने वाले समय में और गिरावट हो सकती है। चालू सीजन में मेंथा तेल का उत्पादन 50,000 से 55,000 टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल करीबन 40,000 टन मेंथा तेल का उत्पादन हुआ था। (BS Hindi)

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