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25 अप्रैल 2013

इस साल देश में होगा बंपर फसल उत्पादन!

इस साल के मॉनसून का पहला अनुमान अगर सही साबित होता है तो एक बार फिर भारत में बंपर फसल होगी। लेकिन दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में बारिश कम और देरी से हो सकती है, जो पहले ही चार दशक के सबसे भयंकर सूखे का सामना कर रहे हैं। हालांकि पिछले साल बारिश सामान्य से 7 फीसदी कम रही, लेकिन प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र और कपास उत्पादक गुजरात सहित इन राज्यों में बारिश कम रही। कुछ राज्यों में तो बारिश जरूरत से आधी ही हुई। इस साल भी सूखा पडऩे से रोजगार और पानी की जरूरत के लिए मुंबई जैसे शहरों में लोगों का पलायन बढ़ सकता है। इससे फसलों को भी नुकसान पहुंचेगा, कृषि आमदनी घटेगी, इन राज्यों की आर्थिक वृद्धि घटेगी और महंगाई में तेजी आएगी। भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार के कुछ संकेत दिखा रही है, लेकिन कम बारिश से यह मुश्किल में पड़ सकती है। सूखे से आर्थिक वृद्धि 2 फीसदी तक घट सकती है, क्योंकि कृषि उत्पादन घटता है और खपत रुक जाती है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हीरो मोटरसाइकिल बेचने वाले रघुवीर मोटर्स के प्रबंधक कमलकांत देशमुख ने कहा, 'अगर मॉनसून सीजन अच्छा रहता है तो किसानों की आमदनी अच्छी होगी और वे अक्टूबर से खर्च करना शुरू करेंगे। तब तक हमें मंदी का सामना करना पड़ेगा।Ó उनकी बिक्री 2013 के पहले तीन महीनों में पिछले एक साल की समान अवधि के मुकाबले आधी हो गई है, जबकि देश में मोटरसाइकिल की बिक्री में मार्च के दौरान 8.3 फीसदी वार्षिक गिरावट आई है। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी के जोशी ने कहा कि व्यापक सूखे से भारत की आर्थिक वृद्धि दर मार्च 2014 में समाप्त वित्त वर्ष में गिरकर 5.1 फीसदी पर आ सकती है, जबकि वर्तमान अनुमान 6 फीसदी है। (BS Hindi)

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