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10 जुलाई 2013

बरसात के बाद ही लुढ़केगा प्याज

पिछले साल के मुकाबले करीब तीन गुना महंगे बिक रहे प्याज के दाम नीचे आने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। सितंबर तक तो ग्राहकों को प्याज के लच्छे खाने के लिए ज्यादा पैसा चुकाना ही पड़ेगा। जानकारों के मुताबिक बढिय़ा भाव मिलने की उम्मीद में किसान और स्टॉकिस्ट कम प्याज निकाल रहे हैं। इसीलिए नई फसल आने तक दाम ऊंचे ही रहेंगे। नई फसल सितंबर से आनी शुरू होगी। प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्टï्र की पिंपलगांव मंडी में पिछले साल 9 जुलाई को इसका थोक भाव 300 से 719 रुपये प्रति क्विंटल था, जो आज 1,375 से 2,173 रुपये बिक रहा है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में आज प्याज का भाव 800 से 2,100 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया, जो साल भर पहले 500 से 800 रुपये था। इसी साल जून से प्याज के भाव पिंपलगांव में करीब 58 फीसदी और दिल्ली में 98 फीसदी चढ़ चुके हैं। हालांकि बरसात के मौसम में कुछ दिनों के लिए प्याज हमेशा चढ़ता है और बाद में नीचे आ जाता है। लेकिन इस बार भंडारण कम होने से दाम जल्द घटने की गुंजाइश नहीं दिख रही। भंडारण कम होने के कारण आपूर्ति भी कम है। आजादपुर मंडी में आज 9200 टन प्याज आया, जबकि पिंपलगांव मंडी में 13000 टन प्याज की आवक हुई। पिछले साल 9 जुलाई के मुकाबले यह 30 से 35 फीसदी कम है। आजादपुर मंडी के प्याज कारोबारी पीएम शर्मा ने बताया कि नई फसल आने पर ही प्याज की आवक बढऩे और दाम घटने के आसार दिख रहे हैं। इसलिए नई फसल आने तक लोगों को महंगा प्याज ही खरीदना पड़ेगा। राष्टï्रीय बागवानी एवं अनुसंधान विकास प्रतिष्ठïान (एनएचआरडीएफ) के निदेशक आर पी गुप्ता ने कहा कि ज्यादा कीमत की आस में किसान और स्टॉकिस्ट कम प्याज निकाल रहे हैं, जिससे भाव चढ़ गए हैं। गुप्ता ने उम्मीद जताई कि सितंबर से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से और अक्टूबर से महाराष्टï्र, गुजरात तथा राजस्थान से प्याज आने लगेगा। उसके बाद कीमत नीचे आ जाएंगी। कीमत बढऩे की वजह किसानों की भंडारण से बेरुखी भी है। दरअसल पिछले साल भंडारण करने पर उन्हें ज्यादा फायदा नहीं हुआ था, इसलिए इस बार उन्होंने इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। एनएचआरडीएफ के अनुसार इस साल करीब 27.50 लाख टन प्याज का भंडारण हुआ है, जो पिछले साल से करीब 7 फीसदी कम है। (BS Hindi)

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