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08 अगस्त 2013

खाद्य सुरक्षा बिल लोकसभा में पेश

सस्ता भोजन बिल के पारित हो जाने पर देश की तीन चौथाई आबादी को मिलेगा अत्यंत सस्ते भोजन का अधिकार इस बिल में 80 करोड़ लोगों को हर माह 1 से 3 रुपये प्रति किलो की दर से ५ किलो अनाज देने का वादा किया गया है न घबराएं सरकार ने इन आशंकाओं को बेबुनियाद बताया है कि इस बिल से राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण होगा देश की तीन चौथाई आबादी को उच्च सब्सिडी प्राप्त दरों पर भोजन का अधिकार देने संबंधी बहुप्रचारित फूड सिक्योरिटी बिल आखिरकार बुधवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। सरकार ने इसे पेश करते हुए इन आशंकाओं को बेबुनियाद बताया कि यह राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण करेगा। खाद्य मंत्री के वी थॉमस ने पिछले विधेयक, जिसके लिए 5 जुलाई को अध्यादेश पारित हुआ था, को वापस लेने के बाद नया विधेयक प्रस्तुत किया। थॉमस ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक 2013 को प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस विधेयक में राज्यों के अधिकारों के खिलाफ कुछ भी नहीं है। इस विधेयक में देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने 1 से 3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पांच किलो अनाज के अधिकार का वायदा किया गया है। थॉमस ने तमिलनाडु के राजनीतिक दलों -अन्नाद्रमुक एवं द्रमुक द्वारा नए बिल पर जताई गई आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि यह राज्यों के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं करता है। जब विधेयक को चर्चा के लिए लाया जाएगा तब उससे संबंधित सभी आशंकाओं पर बात करली जाएगी। इससे पहले, अन्नाद्रमुक सदस्य एम थंबीदुरई ने विधेयक को पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा था कि यह संविधान एवं संघीय प्रणाली के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह खाद्य सुरक्षा बिल नहीं, बल्कि खाद्य असुरक्षा बिल है और इसे राज्यों के साथ चर्चा किए जाने के बाद ही पेश किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में कई ऐसी त्रुटियां हैं जिसने गंभीर आशंकाएं पैदा कर दी हैं और यह राज्य सरकारों में हस्तक्षेप करने जैसा है। द्रमुक नेता टी आर बालू ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल के मौजूदा स्वरूप से सहमत नहीं है और वह इसमें संशोधन का प्रस्ताव लाएगी। सीमा वारदात से बिल पर सर्वसम्मति मुश्किल! नई दिल्ली - विपक्षी दलों द्वारा सुझाए गए कुछ संशोधनों को शामिल कर लिए जाने के बाद फूड सिक्यूरिटी बिल को पारित किए जाने को लेकर सर्वसम्मति की जो संभावना बन रही थी, वह पाक सीमा पर पांच भारतीय जवानों की हत्या के मामले से प्रभावित हो सकती है। ऐसे आसार हैं कि भारतीय जनता पार्टी इस घटना में पाकिस्तान की संलिप्तता के मुद्दे पर संसद की कार्यवाही को बाधित कर सकती है। भाजपा ने खाद्य सुरक्षा बिल का कड़ा विरोध किया। (Business Bhaskar)

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