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17 सितंबर 2013

उद्योग ने चीनी का उत्पादन 250 लाख टन होने की उम्मीद जताई

नए सीजन में निर्यात के लिए 30 लाख टन चीनी सुलभ होगी : इस्मा आंकड़ों का फेर इस्मा ने गन्ने का रकबा 52.89 लाख हैक्टेयर बताया कृषि मंत्रालय ने अनुमान लगाया 48.53 लाख हैक्टेयर इस्मा ने 250 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया जुलाई में उसका अनुमान था 237 लाख टन उत्पादन का खपत के मुकाबले उत्पादन 20 लाख टन ज्यादा रहेगा बकाया स्टॉक भी 62 लाख से बढ़कर 80 लाख टन होगा पहली अक्टूबर से शुरू होने वाले नए पेराई सीजन 2013-14 (अक्टूबर से सितंबर) में चीनी का उत्पादन 250 लाख टन होने का अनुमान है। उद्योग संगठन इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) का कहना है कि नए सीजन में ज्यादा उत्पादन होने और पिछला बकाया स्टॉक होने के कारण देश में 30 लाख टन चीनी निर्यात के लिए उपलब्ध होगी। दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य-पूर्व और अफ्रीका में मांग बढऩे के कारण चीनी का निर्यात करके लाभ उठाया जा सकता है। इस्मा के अनुसार चालू खरीफ में गन्ने की बुवाई 52.89 लाख हैक्टेयर में हुई है हालांकि इस्मा का बुवाई क्षेत्र का अनुमान कृषि मंत्रालय के अनुमान से ज्यादा है। कृषि मंत्रालय के बुवाई आंकड़ों के मुताबिक इस साल 48.53 लाख हैक्टेयर में गन्ने की खेती की गई है। इस्मा के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि अनुसार चालू पेराई सीजन में गन्ने के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है जबकि मौसम भी फसल के अनुकूल रहा है इससे गन्ने की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता बढऩे का अनुमान है। उन्होंने बताया कि पहली अक्टूबर से शुरू होने वाले नए पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 250 लाख टन होने का अनुमान है। इस्मा ने जुलाई में पहले आरंभिक अनुमान में नए पेराई सीजन में 237 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया था। उन्होंने बताया कि इस महीने सितंबर के आखिर में समाप्त हो रहे चालू पेराई सीजन 2012-13 में भी चीनी का उत्पादन 250 लाख टन हो चुका है। उन्होंने कहा कि चालू पेराई सीजन में 3 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ है। इस्मा का मानना है कि अगले सीजन के उत्पादन अनुमान 250 लाख टन के मुकाबले खपत 230 लाख टन रहने की स्थिति में 20 लाख टन अतिरिक्त उत्पादन होगा। इसके अलावा अगले एक अक्टूबर को पिछले सीजन का बकाया स्टॉक 80 लाख टन रह सकता है। जबकि पिछले साल 62 लाख्र टन चीनी का बकाया स्टॉक था। महाराष्ट्र में गन्ने की बुवाई 9.4 लाख हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल के लगभग बराबर ही है तथा राज्य में नए पेराई सीजन में 78 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान है। उत्तर प्रदेश में गन्ने की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 3.6 लाख हैक्टेयर बढ़कर 25.13 लाख हैक्टेयर में हुई है तथा नए पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 77 लाख टन होने का अनुमान है। कर्नाटक में चीनी का उत्पादन नए पेराई सीजन में चालू पेराई सीजन के लगभग बराबर ही 34 लाख टन होने का अनुमान है। हालांकि तमिलनाडु में चीनी के उत्पादन में नए पेराई सीजन में 15 फीसदी की कमी आकर कुल उत्पादन 16.4 लाख टन होने का अनुमान है। चालू पेराई सीजन में तमिलनाडु में 19 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। दूसरी ओर एक कार्यक्रम में खाद्य मंत्रालय के सचिव सुधीर कुमार ने कहा कि चीनी उद्योग का अभी आंशिक विनियंत्रण किया गया है। इसमें अभी और काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गन्ने की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम मिल सके। साथ ही चीनी की कीमतों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने की जरूरत है। (Business bhaskar.)

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