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21 सितंबर 2013

कम बारिश का असर रबी की बुवाई पर पडऩे की आशंका

आर एस राणा नई दिल्ली | Sep 20, 2013, 09:39AM IST सूरते हाल - राज्यों में पिछले एक महीने में मानसूनी बारिश काफी कम फिक्र चालू रबी में प्रमाणित बीजों के साथ ही खाद की मात्रा लगभग सभी राज्यों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है लेकिन बारिश कम होना चिंताजनक मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में ज्यादा बारिश नहीं हुई है इसलिए चना और तिलहनी फसल सरसों के साथ ही जौ की बुवाई पर असर पड़ सकता है मध्य अगस्त के बाद मानसूनी वर्षा कम होने से रबी की प्रमुख फसलों गेहूं, चना, सरसों और जौ की बुवाई पर आंशिक असर पडऩे की आशंका है। मध्य महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में पिछले एक महीने में मानसूनी बारिश काफी कम हुई है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मानसून की विदाई शुरू हो गई है तथा पिछले एक महीने से मानसूनी बारिश सीमित मात्रा में ही हुई है जिसका असर रबी की प्रमुख फसलों गेहूं, चना, सरसों और जौ की बुवाई पर पडऩे की आशंका है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर अगस्त और सितंबर महीने में अच्छी बारिश होती थी, जिसकी वजह से किसान खेतों में नमी दबा कर रख लेते थे। लेकिन इस बार अगस्त के मध्य से खासकर मध्य महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में बारिश काफी कम हुई है जिसकी वजह से खेतों में नमी की मात्रा नहीं है। उन्होंने बताया कि चालू रबी में प्रमाणित बीजों के साथ ही खाद की मात्रा लगभग सभी राज्यों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है लेकिन बारिश कम होना चिंताजनक है। गेहूं अनुसंधान निदेशालय (डीडब्ल्यूआर) की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. इंदु शर्मा ने बताया कि सितंबर महीने में होने वाली बारिश से किसान खेतों में नमी को दबा कर रख लेते थे जिससे रबी फसलों की बुवाई के लिए खेतों की सिंचाई नहीं करनी पड़ती थी। लेकिन मानसूनी सीजन सीजन में जून-जुलाई में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई लेकिन अगस्त-सितंबर महीनों में बारिश सामान्य से कम हुई है जिसकी वजह से जहां सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है वहां रबी फसलों की बुवाई पर आंशिक असर पड़ सकता है। जैसे मध्य प्रदेश और राजस्थान में चना और सरसों की बुवाई प्रभावित हो सकती है। एग्रोनॉमी के कृषि वैज्ञानिक शिवधर मिश्रा ने बताया कि चना, सरसों और जौ की बुवाई अक्टूबर में शुरू हो जाती है तथा किसान सितंबर महीने में हुई बारिश की नमी से ही इनकी बुवाई करते हैं। चालू सीजन में अगस्त के अंतिम पखवाड़े के बाद से मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में ज्यादा बारिश नहीं हुई है इसलिए खरीफ दलहन की प्रमुख फसल चना और तिलहनी फसल सरसों के साथ ही जौ की बुवाई पर असर पड़ सकता है। हालांकि अभी भी समय बचा हुआ है तथा चालू महीने के आखिर तक बारिश हो जाती है तो रबी फसलों बुवाई के लिए वरदान साबित होगी। (Business Bhaskar....R S Rana)

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