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23 सितंबर 2013

प्याज की महंगाई का मामला सीसीआई के रडार पर

कारोबार के बारे में राज्यों से जानकारी मांगी कंपटीशन कमीशन ने कई महीनों से प्याज के दाम काफी ऊंचे बने रहने की वजह से कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने कार्टेलाइजेशन की जांच शुरू कर दी है। सीसीआई ने राज्यों से जानकारी मांगी है कि कहीं व्यापारी प्याज के दाम बढ़ाने के लिए कार्टेल तो नहीं बना रहे हैं। प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए निगरानी करने वाले सीसीआई ने पिछले कई माह से प्याज के ऊंचे मूल्य देखकर कार्रवाई शुरू की है। सूत्रों ने बताया कि आयोग ने राज्यों से प्याज के कारोबार के बारे में जानकारी मांगना शुरू कर दिया है। प्याज का उत्पादन मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश में होता है। इस बात की आशंकाएं व्यक्त की गई हैं कि कारोबारियों और दूसरे संगठनों द्वारा कार्टेलाइजेशन और जमाखोरी करके प्याज के दाम जानबूझकर उच्च स्तर पर बनाए रखे जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सीसीआई अगर इस मामले की जांच शुरू करता है तो उसे प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों के ठोस सबूतों की जरूरत होगी। आयोग प्याज के कारोबार से जुड़े ट्रेंड और तरीकों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहा है। प्याज के ऊंचे दाम और अनैतिक कारोबारी गतिविधियों का शक होने पर सीसीआई के प्रमुख अशोक चावला ने कहा है कि आयोग इस मामले की जांच शुरू करने के बावत विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि पूरा मामला क्या निकलता है। अगर जरूरत हुई तो इसकी जांच की जाएगी। देश में प्याज की कीमत राजनीतिक रूप से संवेदनशील रही है। अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे समय में प्याज के दाम उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे हैं। चावल ने कहा कि हम दुबारा इस मामले की जांच करने के बारे में सोच रहे हैं। इससे पहले प्याज के मूल्य में तेजी के बारे में जांच करने पर हमारा निष्कर्ष था कि बाजार में कारोबार सही तरीके से नहीं हो रहा है। लेकिन हमें कार्टेलाइजेशन के कोई सबूत नहीं मिले। उन्होंने कहा कि अगर प्याज की जमाखोरी होती है तो यह मामला आयोग के दायरे में नहीं आएगा। खबरों से पता चलता है कि प्याज की तेजी के पीछे कुछ कारण हैं। इसमें जमाखोरी की बात हो रही है। अगर जमाखोरी की बात सही है तो यह मामला हमारे दायरे के बाहर होगा। इस मामले में राज्यों को कार्रवाई करनी चाहिए। इस समय हम इससे ज्यादा कुछ भी नहीं कह सकते हैं। जानकारी मिलने के बाद तय किया जाएगा कि मामले की जांच की जाए या नहीं। थोक बाजार में प्याज सस्ती, फुटकर में स्थिर नई दिल्ली - पिछले शनिवार को दिल्ली के थोक बाजार में प्याज के दाम करीब पांच रुपये प्रति किलो घट गए। कर्नाटक से सप्लाई आने की वजह से मूल्य में कुछ कमी आई। लेकिन फुटकर भाव अभी भी 70 रुपये प्रति किलो के आसपास बने हुए हैं। नेशनल हॉर्टीकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के आंकड़ों के मुताबिक प्याज के औसत दाम 53.39 रुपये से घटकर 48.77 रुपये प्रति किलो रह गए। मंडी में प्याज की सप्लाई 8000 क्विंटल से बढ़कर 9700 क्विंटल हो गई। कारोबारियों के अनुसार कर्नाटक से प्याज की सप्लाई शुरू हो गई है और अफगानिस्तान से आयातित प्याज की मंडी में पहुंच गई है। (Business Bhaskar)

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