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24 सितंबर 2013

शाम के कारोबार के लिए हो रहे तैयार

कृषि जिंसों में शाम के सत्र में कारोबार शुरू होने की उम्मीद में जिंस एक्सचेंजों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए वे अपने कारोबार की रूपरेखा बना रहे हैं। उनका मानना है कि जल्द ही वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) कृषि जिंसों में शाम के कारोबार की अनुमति दे देगा। हाल के समय में जिंस एक्सचेंजों में कारोबार की मात्रा में कमी आई है। एक्सचेंज इस कमी को दूर करने के लिए पूरी जद्दोजहद कर रहे हैं। फिलहाल घरेलू कृषि एक्सचेंजों में धातुओं और ऊर्जा उत्पादों में ही देर शाम तक कारोबार की इजाजत है। इनसे घरेलू कारोबारी भी वैश्विक बाजारों की कीमतों का अनुसरण करते हैं। जिंस एक्सचेंज और जिंस मामलों के जानकार अरसे से मांग कर रहे हैं कि धातुओं की तरह उन कृषि जिंसों में देर शाम तक कारोबार की इजाजत दी जाए, जिनका कारोबार वैश्विक बाजारों में हो रहा है। एक्सचेंजों की मांग पर गौर करते हुए एफएमसी जल्द ही चीनी, खाद्य तेल, सोयाबीन और मक्के जैसी कृषि जिंसों के कारोबार की समय सीमा बढ़ा सकता है। एफएमसी सूत्रों का दावा है कि कृषि जिंसों में देर शाम तक कारोबार की रणनीति बन चुकी है। इसके लिए जिंस एक्सचेंजों से बात की जा रही है। फिलहाल आयोग इन जिसों में कारोबार की समय सीमा शाम 8 बजे तक करना चाह रहा है जबकि एक्सचेंजों चाहते हैं कि शाम के सत्र में कृषि जिंसों का कारोबार भी धातुओं की तरह रात 11 बजे तक करने दिया जाए। अभी घरेलू जिंस एक्सचेंजों में कृषि जिसों का वायदा सुबह 10 से शाम पांच बजे तक होता है। एनसीडीईएक्स पहले ही एफएमसी से कृषि जिंसों में देर शाम तक कारोबार की इजाजत मांग चुका है। एनसीडीईएक्स के अधिकारियों के मुताबिक देर शाम के कारोबार से घरेलू निवेशकों को फायदा होगा। उनके अनुसार एफएमसी अगर अनुमति देता है तो एक्सचेंज देर शाम तक कारोबार करने के लिए तैयार है और उसने इसकी पूरी तैयारी कर रखी है। इंडिया इन्फोलाइन की जिंस विशेषज्ञ नलिनी राव कहती हैं कि इसका सीधा फायदा घरेलू बाजार और निवेशकों को होगा। कारण कि जिन जिंसों का कारोबार विदेशी एक्सचेंजों में होता है, उनकी कीमत विदेशी बाजार से प्रभावित होती है। इस कारण शाम को बंद भाव और सुबह खुलने वाले भाव में भारी अंतर रहता है, लेकिन देश में भी देर तक कारोबार होगा तो कीमतों में उतार-चढ़ाव समझने में आसानी होगी। वायदा बाजार में कृषि जिंसों का कारोबार करने वाले जिंस जानकारों का कहना है कि इसका पूरा फायदा तो निवेशकों को नहीं मिलेगा, क्योंकि विदेशी बाजारों में भारतीय समय के अनुसार रात के 12 बजे तक कारोबार होता है। लेकिन यहां शाम आठ बजे तक कारोबार की इजाजत देने की बात चल रही है। हालांकि यह कहा जा सकता है कि इस कदम से घरेलू बाजार में कारोबार करने वालों को विदेशी बाजार का करीब 60 फीसदी रुख भांपने में आसानी होगी। गौरतलब है कि विदेशी और घरेलू जिंस एक्सचेंजों की कीमतों में भारी घट-बढ़ की वजह से विदेशी निवेशकों के साथ घरेलू निवेशक भी विदेशी एक्सचेंजो में कारोबार को प्राथमिकता देते हैं। देर शाम तक कारोबार की इजाजत से घरेलू एक्सचेंजों का कारोबार बढ़ेगा। घरेलू जिंस एक्सचेंजों में कृषि जिंसों के कारोबार में लगातार गिरावट आ रही है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त तक कृषि जिंसों के कारोबार में करीब 35 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस साल अप्रैल से अगस्त तक देश के प्रमुख जिंस एक्सचेंजों में 6,43,352 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। इसमें रिफांइड सोया तेल का 1,38,846 करोड़ रुपये, सोयाबीन का 62,344 करोड़, चीनी का 6,147 करोड़ रुपये का कारोबार शामिल है। (BS Hindi)

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