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26 सितंबर 2013

'जिग्नेश और निदेशकों की संपत्ति जब्त हो'

नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के निवेशक एक्सचेंंज के वाइस चेयरमैन जिग्नेश शाह, इसके निदेशकों, सदस्यों और अन्य ग्राहकों की व्यक्गित संपत्ति जब्त कर अपने निवेश की वसूली के लिए न्यायालय जाने की योजना बना रहे हैं। सरकार गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को मामले की जांच सौंप सकती है और यह एजेंसी अपनी रिपोर्ट देने में 30 से 45 दिन का समय लेगी। इस संभावित देरी के चलते निवेशकों में यह कदम उठाने की धारणा प्रबल होती जा रही है। एनएसईएल में 13,000 निवेशकों का करीब 5,600 करोड़ रुपये का निवेश फंसा हुआ है। नियामकों की विभिन्न आंतरिक समितियों की रिपोर्ट आने के बावजूद निवेशकों का धैर्य जवाब दे रहा है। जांच एजेंसियों ने धोखाधड़ी की बात कही है, लेकिन एक्सचेंज के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एनएसईए के बोर्ड में खुद शाह के अलावा शंकरलाल गुरु, जोसेफे मैसी, बीडी पवार, श्रीकांत जावलगेकर, अंजनी सिन्हा और आर देवराजन शामिल हैं। हालांकि शाह और एनएसईएल के अधिकारी यह कह रहे हैं कि जिन सदस्यों ने धन लिया था, वे चुका नहीं कर रहे हैं। लेकिन कुछ सदस्य वस्तुओं की डिलिवरी नहीं देने के लिए एक्सचेंज को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और यह कह रहे हैं कि इस पर सदस्यों का बकाया है। निवेशक याचिका में एक्सचेंज के परिचालन की जांच न्यायालय की निगरानी में करवाने की मांग कर सकते हैं। एक्सचेंज के बारे में कहा जा रहा है इसने विभिन्न कानूनों का उल्लंघन किया है। इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी रखने वाले एक बड़े निवेशक ने कहा, 'हम अगले कुछ दिनों में एक याचिका दायर करने जा रहे हैं। हमारी दो मांगें होंगी। पहला, मालिकों की संपत्तियां जब्त की जाएं और दूसरा न्यायालय की निगरानी में जांच हो। (BS Hindi)

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