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26 सितंबर 2013

NSEL के खिलाफ कार्रवाई का खाका तैयार : चिदंबरम

नई दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि सीबीआई, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) और वायदा बाजार आयोग (एफएमसी), भुगतान संकट में फंसे नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। सरकार के अनुसार एनएसईएल एक ऐसी संस्था है जो कि किसी के नियमन दायरे में नहीं थी और पहले दिन से इसने नियमों का उल्लंघन किया है। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘मायाराम समिति की रपट में सुझाव दिया गया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), एफएमसी और एमसीए को उचित कार्रवाई करनी चाहिए। समिति ने अनियमितताएं दर्ज की हैं। विभाग इन मामलों पर विचार कर रही है। वह कारवाई करेंगे।’ आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम की अध्यक्षता वाली समिति ने जिंस बाजार एनएसईएल के कामकाज में कथित अनियमितताओं पर गौर किया है। एनएसईएल कारोबार बंद होने के बाद से 5,600 करोड़ रुपए के भुगतान संकट से जूझ रहा है। चिदंबरम ने कहा कि एनएसईएल एफएमसी के तहत पंजीकृत अथवा मान्यता प्राप्त इकाई नहीं थी लेकिन इसने कारोबार शुरू करने से पहले ही छूट हासिल कर ली थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एनएसईएल ने जिस तरह से कारोबार शुरू किया उसके बारे में जितना दिखता है उससे आगे भी चीजें हैं।` चिदंबरम ने कहा कि हालांकि, एनएसईएल संकट का असर दूसरे बाजारों पर पड़ने की कोई आशंका नहीं है। फिर भी उन्होंने, पूंजी बाजार नियामक सेबी और जिंस बाजार की निगरानी संस्था एफएमसी से कहा कि इस पर निगाह रखे। उन्होंने कहा, ‘एनएसईएल उन्हीं शर्तों का उल्लंघन कर रही थी जिनके तहत वे कारोबार करने का दावा कर रहे थे।’ जिग्नेश शाह के नेतृत्व वाले फिनांशल टेक्नोलॉजीज समूह के अंग एनएसईएल ने सरकार के निर्देश पर 31 जुलाई को कारोबार बंद कर दिया था। वह निवेशकों को लगातार छठे साप्ताहिक भुगतान निपटान में असफल रहा। फिनांशल टेक्नोलॉजीज (इंडिया) लिमिटेड ने दो अन्य कारोबारी मंच - मल्टी कमाडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और एमसीएक्स स्टाक एक्सचेंज लिमिटेड - को भी प्रवर्तित किया है। यह पूछने पर कि क्या सरकार प्रवर्तकों की अन्य इकाइयों के प्रबंधन में बदलाव पर विचार कर रही है, चिदंबरम ने कहा, ‘नियामकों की रपट का इंतजार करना चाहिए। एफएमसी को अपनी रपट सौंपने दीजिए। मुझे लगता है कि एफएमसी रपट एक-दो दिन में तैयार हो जाएगी। हम पहले रपट देखेंगे।’ उन्होंने कहा कि एफएमसी की रपट मिलने पर सीबीआई और कापरेरेट मामलों का मंत्रालय इस पर विचार करेगा और फैसला करेगा कि क्या कार्रवाई होनी चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि आयकर विभाग एनएसईएल के निवेशकों के वित्तीय ब्यौरों की जांच कर रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें कहीं काला धन तो शामिल नहीं था। (Z-News)

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