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19 अक्तूबर 2013

धान उत्पादन के अनुमान पर बाढ़ और ओले

खरीफ 2013-14 में चावल के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद की खुशी जल्द ही खत्म हो सकती है, क्योंकि पाइलिन तूफान के चलते ओडिशा के कुछ हिस्सों में बाढ़ और पंजाब व हरियाणा में ओले गिरने से चावल उत्पादन पर असर पडऩे की आशंका है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के चौथे संशोधित अनुमानों (2013-14) में 9.23 करोड़ टन चावल उत्पादन का अनुमान जताया गया था। लेकिन ओडिशा के तूफान और बाढ़ प्रभावित जिलों में फसल को काफी नुकसान पहुंचने से अब यह दूर की कौड़ी नजर आ रहा है। कटक स्थित चावल शोध संस्थान के निदेशक त्रिलोचन महापात्र ने कहा कि वर्ष 2012-13 के दौरान ओडिशा में करीब 85 लाख टन चावल का उत्पादन हुआ था। ओडिशा में इस साल खरीफ सीजन में 36 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई हुई है, जिसमें से 5 लाख हेक्टेयर में फसल प्रभावित हुई है। इस साल राज्य में उत्पादन 10 लाख टन तक कम हो सकता है। उन्होंने कहा कि 10.7 करोड़ टन (खरीफ और रबी दोनों में) चावल उत्पादन का पूर्व अनुमान हासिल नहीं किया जा सकेगा, क्योंकि ओडिशा में तूफान से और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में ओलों और बारिश से फसल खराब हुई है। सतनाम ओवरसीज लिमिटेड (कोहिनूर ब्रांड राइस) के संयुक्त प्रंबध निदेशक सतनाम अरोड़ा ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में धान की फसल को थोड़ा नुकसान हो सकता है और यह नुकसान 2 फीसदी से 4 फीसदी तक हो सकता है। एल टी ओवरसीज के निदेशक अश्विनी अरोड़ा ने कहा कि देर से बारिश के कारण फसल में देरी हुई है, लेकिन उत्पादन 4 फीसदी तक कम हो सकता है। वर्ष 2012-13 के खरीफ सीजन में पंजाब में 1.6 करोड़ टन और हरियाणा में 80 लाख टन चावल का उत्पादन हुआ था। उन्होंने बताया कि चावल शोध संस्थान ने विभिन्न राज्यों के प्रभावित क्षेत्रों में अपनी टीमें भेजी हैं और फसल की वास्तविक स्थिति का ब्योरा एक-दो सप्ताह में मिल जाएगा। महापात्र ने कहा कि मौसमी घटनाओं का खरीफ सीजन के चावल उत्पादन पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा। देश के कुल चावल उत्पादन में खरीफ का हिस्सा करीब 88 फीसदी है, इसलिए खरीफ में चावल की फसल को नुकसान पहुंचने से कुल उत्पादन पर बड़ा असर पड़ेगा। किसानों के मुताबिक बाढ़ ने तूफान से फसल को नुकसान पहुंचाया है। पकने से पूर्व या पकने की स्थिति वाली धान की फसल को नुकसान पहुंचा है, लेकिन जल्दी बुआई वाला धान बच सकता है। ओडिशा में खेतों में एक मीटर तक पानी जमा होने से फसल को नुकसान पहुंचा है। एक किसान ने कहा कि किसान इस साल अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन तूफान ने उन्हें परेशानी में डाल दिया है। उन्हें सरकार से कुछ हर्जाना मिल सकता है और रबी फसलों की जल्द बुआई कर इस नुुकसान को कम कर सकते हैं। लेकिन आगे की स्थिति के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। (BS Hindi)

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