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13 नवंबर 2013

बीस लाख टन के साइलो निर्माण की प्रक्रिया जल्द

आर एस राणा नई दिल्ली | Nov 13, 2013, 00:03AM IST पहल - एफसीआई साइलो भंडार गृह बनाने के लिए ई-टेंडर जारी करेगा साइलो स्कीम सबसे ज्यादा साइलो बीओओ आधार पर बनेंगे इसके अलावा बीओटी आधार पर भी निर्माण होगा इनके लिए निजी निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा बीओटी में सरकार वित्तीय मदद भी देगी निर्माण के लिए पीईजी स्कीम में 20 साल भंडारण की गारंटी दी जाएगी एमपी व पंजाब में 3.5-3.5 लाख टन क्षमता के साइलो बनेंगे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) 20 लाख टन की अतिरिक्त साइलो भंडारण क्षमता के लिए जल्द ही ई-निविदा जारी करेगा। इसके तहत सबसे ज्यादा भंडारण क्षमता मध्य प्रदेश और पंजाब में क्रमश: 3.5-3.5 लाख टन और हरियाणा और यूपी में तीन-तीन लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार की जानी है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि साइलो सिस्टम के तहत 20 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार की जाएगी। केंद्र सरकार इसके लिए पहले ही मंजूरी दे चुकी है तथा एफसीआई इसके लिए दिशा-निर्देश तैयार कर चुकी है। अगले 15-20 दिनों में इसके लिए ई-निविदा आमंत्रित की जायेगी। उन्होंने बताया कि साइलो सिस्टम के तहत सबसे ज्यादा भंडारण क्षमता मध्य प्रदेश में 3.5 लाख टन, पंजाब में 3.5 लाख टन, हरियाणा में 3 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 3 लाख टन, बिहार में 2 लाख टन, पश्चिमी बंगाल में 2 लाख टन और गुजरात, केरल और महाराष्ट्र में क्रमश: पचास-पचास हजार टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार की जायेगी। उन्होंने बताया कि इनमें सबसे ज्यादा खाद्यान्न भंडारण क्षमता के गोदाम बीओओ (बिल्ड, ओन एंड ऑपरेट) के तहत बनाये जायेंगे, जो सरकारी निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का ही एक रूप है। इसके अलावा बीओटी (बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मॉडल के आधार पर वायवलिटी गैप फंडिंग के आधार पर गोदामों को निर्माण किया जायेगा। पीईजी स्कीम के तहत 10 साल की गारंटी योजना के तहत खाद्यान्न भंडार गृहों का निर्माण किया जा रहा है जबकि साइलो के तहत 20 साल की गारंटी योजना के तहत गोदामों का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रमुख खाद्यान्न उत्पादक राज्यों में तैयार की जाने वाली अतिरिक्त साइलो भंडारण क्षमता रेलवे साइडिंग के पास बनाना अनिवार्य होगा। साइलो भंडारण क्षमता में खाद्यान्न का सुरक्षित भंडारण ज्यादा समय तक किया जा सकता है। साइलो सिस्टम से खाद्यान्न की बल्क में खरीद, बल्क में भंडारण और बल्क में ही वितरण किए जाने की सुविधा होती है। इसके तहत राज्य सरकारें साइलो सिस्टम भंडारण स्थल को ही मंडी यार्ड के रूप में स्थापित कर सकती हैं, जिसका किसानों के साथ ही एफसीआई को भी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि इस समय देशभर में आधुनिक साइलो सिस्टम के तहत लगभग 5.50 लाख टन खाद्यान्न की भंडारण क्षमता है। इसमें सबसे ज्यादा पंजाब और हरियाणा में क्रमश: 2-2 लाख टन खाद्यान्न की भंडारण क्षमता है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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