कुल पेज दृश्य

14 नवंबर 2013

नई फ सल से आलू रहा गल

देश के कई हिस्सों में जिस वक्त आलू की खुदरा कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम की सीमा लांघ रही थी, उसी वक्त पश्चिम बंगाल की सरकार ने तय किया था कि अपने राज्य में वह आलू को 13 रुपये प्रति किलो से ऊपर नहीं जाने देगी। आलू पर अंकुश कसने के लिए ममता बनर्जी की अगुआई वाली सरकार ने कोई कोर-कसर भी नहीं छोड़ी और राज्य की नाकेबंदी कर आलू बाहर नहीं जाने दिया। लेकिन पश्चिमी मेदिनीपुर, वर्धमान और बांकुड़ा जिले के कई कारोबारी इस वजह से अपने महीने भर पुराने सौदे पूरे नहीं कर सके और उनका गुस्सा फूट रहा है। इन तीन जिलों से ही ओडिशा, आंध्र प्रदेश, झारखंड और बिहार को आलू की आपूर्ति की जाती है। बनर्जी सरकार की सख्ती की वजह से इन राज्यों में आलू का संकट पैदा हो गया, जिसके विरोध में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पश्चिम बंगाल सरकार को चि_ïी भी लिख चुके हैं। अलबत्ता नई फसल आने और शीत भंडारगृहों से आलू बाहर निकलने के कारण उत्तरी राज्यों में कीमतें नरम होने लगी हैं। पश्चिम बंगाल में कल तक कारोबारी अवैध तरीके से आलू दूसरे राज्यों में भेज रहे थे। लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें रोकने के लिए मुस्तैदी दिखाई और राज्य की सीमा पर विशेष पुलिस बल तैनात कर दिए, जो आने-जाने वाले उत्पादों पर नजर रखेंगे। सरकारी सख्ती से सब्जी विक्रेता घबरा गए हैं और छापामारी से बचने के लिए 17 से 20 रुपये प्रति किलो आलू बेच रहे हैं। राज्य सरकार आलू बॉन्ड के जरिये शीत भंडारगृहों से 11 रुपये प्रति किलो के भाव आलू खरीद रही है। सितंबर में 50 किलो आलू के बॉन्ड की कीमत 120 से 200 रुपये थी, जो अब बढ़कर 400 से 500 रुपये हो गई है। उधर उत्तर भारत में पंजाब से नये आलू की आवक बढऩे के बाद किसान और कारोबारी शीत भंडारगृहों में रखा आलू तेजी से निकाल रहे हैं। दिल्ली के आलू कारोबारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि बारिश से आलू को नुकसान कम हुआ है, जिससे आवक बढ़ी है और भंडारगृह का आलू भी आ रहा है। इससे नए आलू का भाव 200 रुपये गिरकर 800 से 1000 रुपये प्रति कट्टïा (1 कट्टïे में 50 किलो आलू) और भंडारगृह वाले आलू के भाव 600 से 800 रुपये कट्टïा रह गए हैं। आजादपुर मंडी में आवक बढ़कर करीब 21 हजार क्विंटल हो गई। उत्तर प्रदेश कोल्ड स्टोर एसोसिएशन के सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि यूपी के भंडारगृहों में अभी 8 से 10 फीसदी आलू बचा है। उतरने लगे प्याज के छिलके प्याज के आंसू रो रही आम जनता को राहत मिलने के संकेत दिखने लगे हैं। देश की प्रमुख प्याज मंडियों में नई फसल की आवक शुरू हो गई है। उम्मीद है कि इस वजह से आने वाले समय में प्याज के भाव में नरमी आ सकती है। बाजार के सूत्रों ने बताया कि राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्टï्र की मंडियों में प्याज की नई फसल की आवक शुरू हो गई है। मंडियों में प्याज का भाव अगस्त के बाद सबसे कम स्तर पर है।राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास संस्थान के निदेशक आर पी गुप्ता ने कहा, 'गुजरात, महाराष्टï्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान से प्याज की आवक बढ़ेगी, जिससे थोक बाजार में प्याज का भाव 20 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे आ जाएगा।Ó अहमदाबाद और मुंबई के खुदरा बाजार में प्याज का भाव 50 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है। कारोबारियों को उम्मीद है कि खुदरा बाजार में भाव 40 रुपये प्रति किलोग्राम से कम भी हो सकते हैं। लासलगांव में आवक बढ़कर 8100 क्विंटल हो गई है। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: