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27 दिसंबर 2013

एनएसईएल के निवेशकों में फूट

अब बंद पड़े नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) घोटाले में ठगी के शिकार निवेशकों और ब्रोकरों के बीच दरार पैदा हो गई है। एनएसईएल फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिस (एफटीआईएल) समूह की कंपनी है, जो 5,500 करोड़ रुपये के भुगतान संकट से जूझ रही है। करीब 20 लोगों के एक समूह ने एनएसईएल निवेशकों का 'वास्तविक प्रतिनिधि' होने का दावा किया है। इन्होंने एक अलग समूह - एनएसईएल इन्वेस्टर्स ऐक्शन ग्रुप (एनआईएजी) बनाया है, जिसके अध्यक्ष केतन शाह हैं। शाह एनएसईएल की दो निवेशक कंपनियों तरुण अमरचंद जैन एचयूएफ और आशिष सेठ एचयूएफ के प्रतिनिधि हैं। उन्होंने एनएसईएल घोटाले में करोड़ों रुपये के नुकसान का दावा किया है। ये वे दो निवेशक कंपनियां हैं, जिन्होंने बंबई उच्च न्यायालय में ई-सीरीज अनुबंधों का निपटान और डिलिवरी तत्काल रोकने के लिए याचिका दायर की थी। इन्होंने एक्सचेंज के पास उपलब्ध स्टॉक को बेचकर नकदी जुटाने और इसके निवेशकों में समान वितरण को भी रोकने का आग्रह किया था। इसलिए निवेशकों के एक समूह ने वर्तमान प्रतिनिधि संस्था से अपना रास्ता अलग कर लिया है। वर्तमान प्रतिनिधि संस्था एनएसईएल इन्वेस्टर्स फोरम (एनआईएफ) है, जिसका दावा है कि वह अपने प्रयासों में सफल रही है। इसके लिए उसने नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी), आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम को शिकायत भेजने के साथ ही विरोध प्रदर्शन और एनएसईएल व एफटीआईएल के कार्यालयों का घेराव किया था। एनआईएजी के संस्थापक सदस्य शाह ने कहा, 'एनआईएफ ने निवेशकों की चिंताओं को ठीक से उजागर नहीं किया है। हकीकत यह है कि हमने एनएसईएल के खिलाफ विरोध शुरू किया था, लेकिन इसका श्रेय एनआईएफ ने ले लिया। अब हम एनएसईएल के निवेशकों की सभी चिंताओं का ठीक ढंग से प्रतिनिधित्व करेंगे।' एनआईएजी ने मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), और प्रवर्तन निदेशालय में ब्रोकरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इस प्र्रतिनिधि संस्था ने इस घोटाले से जुड़े सभी ब्रोकरों का फारेंसिक ऑडिट कराने की मांग की है। शिकायत में कहा गया है, 'ब्रोकरों को इस बात का पूरा पता है कि बकायेदारों की संख्या महज 18 है, जो एनएसईएल की कुल निवेशक संख्या का महज 0.15 फीसदी है। इसके अलावा निवेशकों की ओर से ब्रोकरों ने नियमानुसार डिलिवरी ऑर्डर या गोदाम रसीद एकत्रित नहीं की। ब्रोकरों ने निवेशकों का धन की सुरक्षित वापसी के बिना ही दे दिया। उन्होंने गोदाम रसीद/डिलिवरी ऑर्डर जुटाकर निवेशकों के धन की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित नहीं की।' (BS HIndi)

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