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31 दिसंबर 2013

रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क वृद्धि का फिर प्रस्ताव

आर एस राणा : नई दिल्ली... 5% में अंतर है रिफाइंड व क्रूड खाद्य तेलों के आयात शुल्क में 7.5% अंतर सुनिश्चित करने के लिए खाद्य मंत्रालय का प्रस्ताव 2.5% आयात शुल्क बढ़ेगा रिफाइंड खाद्य तेलों पर परिणाम क्या होगा फायदा: खाद्य तेल रिफाइनिंग उद्योग को राहत मिलेगी शुल्क में वृद्धि से भार: आयातित रिफाइंड तेल मंहगे होने से बाजार में महंगे होने खाद्य तेल घरेलू उद्योग को राहत देने के लिए केंद्र सरकार रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात शुल्क में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी। रिफाइंड खाद्य तेल और क्रूड पाम तेल के आयात शुल्क में इस समय 5 फीसदी का अंतर है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने अंतर को बढ़ाकर 7.5 फीसदी करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इससे पहले कृषि मंत्रालय ने इसी तरह का प्रस्ताव रखा। लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई। इस बार अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है तो खाद्य तेल महंगे होने से उपभोक्ताओं पर भार पड़ेगा। जबकि देश मेंं रिफाइनिंग उद्योग का मार्जिन बढऩे से राहत मिलने के आसार हैं। खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि रिफाइंड खाद्य तेलों और क्रूड पाम तेल के आयात शुल्क में पांच फीसदी का अंतर होने के कारण आयातक रिफाइंड खाद्य तेलों का आयात ज्यादा मात्रा में कर रहे हैं। इससे घरेलू खाद्य तेल उद्योग के सामने संकट खड़ा हो गया है। इसीलिए रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को सभी संबंधित मंत्रालय को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि इसी सप्ताह में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की प्रस्तावित बैठक में इस पर फैसला होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात पर इस समय 7.5 फीसदी आयात शुल्क है इसमें 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी करने की सिफारिश की गई है। क्रूड पाम तेल पर आयात शुल्क 2.5 फीसदी ही रहेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले कृषि मंत्रालय ने आयात शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया था लेकिन सभी संबंधित मंत्रालयों की सहमति नहीं बन पाई थी। चालू खरीफ में तिलहनों की पैदावार में बढ़ोतरी की संभावना है जबकि घरेलू बाजार में दीपावली के बाद से अभी तक खाद्य तेलों की कीमतों में करीब 500 से 700 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि खाद्य तेलों में मांग कमजोर बनी हुई है। इंदौर में सोया रिफाइंड तेल का भाव घटकर 690 रुपये, हरियाणा में सरसों तेल का भाव 710 रुपये, बंदरगाह पर क्रूड पाम तेल का भाव 540 रुपये और आरबीडी पामोलीन का भाव 575 रुपये तथा राजकोट में मूंगफली तेल का भाव घटकर 800 रुपये प्रति 10 किलो रह गया है। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार तेल वर्ष 2012-13 के दौरान कुल 103.84 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ है। इसमें रिफाइंड खाद्य तेलों की हिस्सेदारी 22.23 लाख टन है जो कुल आयात का 21 फीसदी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में कुल खाद्य तेलों के आयात में रिफाइंड खाद्य तेलों की हिस्सेदारी केवल 16 फीसदी ही थी। (Business Bhaskar.....R S Rana)

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