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29 जनवरी 2014

जीरे में 10% गिरावट का अनुमान

चालू फसल सीजन में जीरे की घरेलू पैदावार दस फीसदी बढ़कर करीब 48-50 लाख बोरी (एक बोरी-55 किलो) होने का अनुमान है। नई फसल की पैदावार में बढ़ोतरी की संभावना से आयातक देशों की मांग पहले की तुलना में घटी है। ऐसे में फरवरी महीने में जीरे की मौजूदा कीमतों में 10 से 12 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। जैब्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक भास्कर शाह ने बताया कि चालू सीजन में जीरे की पैदावार पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है, साथ ही जीरे का बकाया स्टॉक भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इसीलिए आयातक देशों की मांग पहले की तुलना में कम हो गई है। हालांकि बांग्लादेश की आयात मांग अभी भी अच्छी बनी हुई है लेकिन कुल उपलब्धता मांग के मुकाबले ज्यादा होने के कारण फरवरी महीने के आखिर में आने वाली जीरे की नई फसल तक मौजूदा कीमतों में करीब 1,400-1,500 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने की संभावना है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2013-14 के पहले छह महीनों (अप्रैल से सितंबर) के दौरान जीरे के निर्यात में 93 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 67,500 टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 35,018 टन जीरे का निर्यात हुआ था। भारतीय जीरे का दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3.26 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 3.88 डॉलर प्रति किलो था। हनुमान प्रसाद पीयूष कुमार के प्रबंधक विरेंदर अग्रवाल ने बताया कि चालू सीजन में जीरे की पैदावार बढ़कर 48-50 लाख बोरी होने का अनुमान है जबकि पिछले साल पैदावार 42-45 लाख बोरी की पैदावार हुई थी। फरवरी महीने में आने वाली नई फसल के समय जीरे का बकाया स्टॉक भी करीब पांच से सात लाख बोरी बचने का अनुमान है। जीरे के दैनिक सौदे 7,000 से 8,000 बोरियों के हो रहे हैं तथा निर्यातक 2,000 से 3,000 बोरियों के सौदे कर रहे हैं। ऊंझा मंडी में मंगलवार को जीरे का भाव घटकर 12,300 से 12,400 रुपये प्रति क्विंटल रहा तथा सप्ताहभर में इसकी कीमतों में 300-400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। एनसीडीईएक्स पर मार्च महीने के वायदा अनुबंध में जीरे की कीमतों में पिछले आठ दिनों में 2.6 फीसदी की गिरावट आकर बुधवार को भाव 12,420 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए जबकि 21 जनवरी को मार्च महीने के वायदा अनुबंध में जीरे का भाव 12,757 रुपये प्रति क्विंटल था। ब्रोकिंग फर्म एसएमसी कॉम ट्रेड के रिसर्च एनॉलिस्ट अनुसार जीरे की कुल बुवाई 4.54 लाख हैक्टेयर में हुई जबकि गुजरात में 1.05 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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