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28 जनवरी 2014

एनएसईएल व पीडी के बीच नहीं सुलझा मसला

करनाल की पी डी एग्रोप्रोसेसर्स (पीडी) और मुश्किल दौर से गुजर रहे नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के बीच अकाउंट सैटलमेंट का प्रस्ताव दावे की राशि में भारी अंतर के कारण परवान नहीं चढ़ सका। एनएसईएल ने दावा किया कि पीडी तीसरी सबसे बड़ी बकायेदार है, जिस पर 644.55 करोड़ रुपये बकाया हैं, जबकि बासमती चावल का उत्पादन करने वाली दुनार फूड्स लिमिटेड की प्रवर्तक पीडी ने 260 करोड़ रुपये एनएनईएल को चुकाने पर सहमति जताई। रोचक बात यह है कि दोनों पक्ष शुक्रवार को सैटलमेंट समझौता करने जा रहे थे। लेकिन अनिश्चितता की वजह से प्रस्ताव को टाल दिया गया, क्योंकि पीडी एनएसईएल से करीब 260 करोड़ रुपये की देनदारी पर संयुक्त बयान जारी करवाना चाहती थी। इस मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने भी इस निपटारे को प्रोत्साहित किया था। ईओडब्ल्यू ने पीडी के 10 परिसरों पर छापेमारी की थी और इसके खाते फ्रीज कर दिए थे। पीडी के निदेशक अभिमन्यू अत्री ने कहा, 'एनएसईएल द्वारा जिस राशि का दावा किया जा रहा है, उसमें अनावश्यक आंकड़े भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए एनएसईएल ने रोलओवर शुल्क की भारी राशि थोपी है। हमें ये शुल्क क्यों वहन करने चाहिए? हम वास्तविक राशि चुकाने को तैयार हैं, जो हमारे हिसाब से करीब 260 करोड़ रुपये है। इसलिए हमने एनएसईएल से संयुक्त बयान जारी करने की मांग की, जो उन्होंने अभी जारी नहीं किया है। उनकी ओर से बयान जारी होने पर हम तत्काल बकाये का भुगतान कर देंगे।' (BS Hindi)

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