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07 फ़रवरी 2014

मसालों के निर्यात में 28 फीसदी इजाफा

भारत से मसालों का निर्यात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के दौरान पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में मात्रा के लिहाज से 28 फीसदी, रुपये में कीमत के लिहाज से 46 फीसदी और डॉलर में 32 फीसदी बढ़ा है। वर्ष 2013 में अप्रैल से नवंबर के दौरान मसालों के निर्यात की कीमत 8377.20 करोड़ रुपये (1,39.65 करोड़ डॉलर) और मात्रा 5,08,555 टन दर्ज की गई है। भारतीय मसाला बोर्ड के चेयरमैन ए जयतिलक ने कहा कि वर्ष 2012 में अप्रैल से नवंबर तक भारत ने 3,98,000 टन मसालों का निर्यात किया था, जिसकी कीमत 5,732.25 करोड़ रुपये (105.58 करोड़ डॉलर) थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय मसालों की बढ़ती मांग उनकी खराब न होने की विशेषता और उनमें लोगों के बढ़ते विश्वास का एक उदाहरण है। मिंट ऑयल, मेंथॉल और मेंथॉल क्रिस्टल का निर्यात में अहम योगदान रहा है। इनका निर्यात 15,850 टन रहा है, जिससे 1975.17 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। अगर इसकी तुलना पिछले साल की समान अवधि से की जाए तो इनके निर्यात में मात्रात्मक लिहाज से 129 फीसदी और कीमत के लिहाज से 62 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल की इसी अवधि में इनका निर्यात 6,916 टन रहा था, जिससे 1,223 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी। इनसे होने वाली आमदनी मिर्च से थोड़ी ही कम रही। अप्रैल से नवंबर, 2012 के दौरान मिर्च से सबसे ज्यादा आय हुई थी। मसाला बोर्ड ने कहा कि इस साल 1,81,500 टन मिर्च का निर्यात हुआ, जिससे 1,614.17 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। वहीं, पिछले साल मिर्च का निर्यात 1,74,798 टन रहा था, जिसकी कीमत 1,408.68 करोड़ रुपये थी। आलोच्य अवधि में 1150.56 करोड़ रुपये कीमत के 86,500 टन जीरे का निर्यात हुआ। पिछले साल 604.16 करोड़ रुपये के 44,436 टन जीरे का निर्यात हुआ था। इस तरह पिछले साल की तुलना में जीरे का निर्यात मात्रात्मक लिहाज से 95 फीसदी और कीमत की दृष्टि से 90 फीसदी बढ़ा है। इस साल भी मूल्य संवर्धित मसालों का निर्यात में अच्छा खासा योगदान रहा। मसालों के निर्यात में कालीमिर्च और हल्दी ने अहम हिस्सेदारी बना ली है। इनके निर्यात में कीमत के लिहाज से क्रमश: 42 और 41 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। (BS Hindi)

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