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21 फ़रवरी 2014

कठोर नियमों की वजह से मूंगफली निर्यात पर असर

मूंगफली में अफ्लैटॉक्सिन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए यूरोपीय संघ और मलेशिया द्वारा कठोर नियमों को लागू करने की वजह से आने वाले महीनों में भारत का मूंगफली निर्यात काफी बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। भारत से मूंगफली निर्यात करने वाले दो सबसे बड़े निर्यातकों ने भारतीय निर्यातकों से इन देशों को भेजे जाने वाले माल के साथ ही स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी भेजने के लिए कहा है। हालांकि दोनों देशों ने भारतीय निर्यात निरीक्षण परिषद (ईआईसी) का गठन किया है, यह संस्था भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में यह नोडल एजेंसी है। यह स्वास्थ्य प्रमाण पत्र मौजूदा नियमों के साथ ही अन्य प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए भी जरूरी है। जिसमें वैश्विक खाद्य गुणवत्ता मानक एचएसीसीपी भी शामिल है। ईआईसी के अधिकारी के मुताबिक, 'मलेशिया और यूरोपीय संघ को मूंगफली निर्यातकों के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने के लिए हमें नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है। इसलिए हम निर्यातकों से हमारे क्षेत्रीय कार्यालयों से निर्यात ऑर्डर पूरा करने के लिए प्रमाण पत्र हासिल करने की गुजारिश करते हैं।' खास बात यह है कि इन दोनों क्षेत्रों के आयातकों की ओर से लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने कई बार इस बारे में वाणिज्य मंत्रालय को सूचित किया। उन्होंने मंत्रालय को बताया कि निर्यातक वैश्विक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। ईआईसी के अधिकारी के मुताबिक इन दोनों क्षेत्रों के आयातकों ने एपीडा से शिकायत करते हुए कहा कि अगर भारतीय निर्यातकों ने वैश्विक मानकों का पालन नहीं किया तो वे मूंगफली आयात पर पाबंदी लगा देंगे। (BS Hindi)

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