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08 अप्रैल 2014

सूती धागा निर्यात में चीन की बाधा

सूती धागे सहित भारतीय कपड़े के निर्यात पर चीन का बुरा असर पडऩे लगा है। भारतीय निर्यातकों पर दो तरह से असर पड़ रहा है। ऐसे समय में जब भारतीय रुपया मजबूत हो रहा है, तब चीन की मुद्रा में गिरावट से भारतीय कपड़ा निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। विदेशी खरीदार सस्ते की वजह से चीन के उत्पादों को तरजीह दे रहे हैं। चीनी विक्रेता सस्ती कीमतों पर अपने उत्पादों की पेशकश कर रहे हैं। चीन ने अपने भंडारगृहों से सस्ती कीमतों पर कपास बेचने का फैसला लिया है। इससे चीन को कपास और सूती धागे के सीधे निर्यात पर भी असर पड़ रहा है। चीन की मुद्रा डॉलर के मुकाबले कमजोर हुई है, जबकि डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हुआ है, जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए मुश्किल बढ़ गई है। चालू कैलेंडर वर्ष के शुरू होने के बाद डॉलर के मुकाबले युआन 2.6 फीसदी गिरकर 6.21 युआन प्रति डॉलर हो गया है, जबकि रुपया 2.7 फीसदी मजबूत होकर 60.09 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया है। कपड़ा क्षेत्र में भारत के प्रतिस्पर्धी चीन को अब कीमत के मोर्चे पर फायदा मिल रहा है, क्योंकि पिछले तीन महीनों से उसकी मुद्रा युआन गिर रही है। हालांकि भारत में चीन की तुलना में लागत कम है, क्योंकि चीन में श्रम लागत ज्यादा है। लेकिन युआन में गिरावट आने से इसकी भरपाई हो गई है। इस साल भारत से कपड़े का निर्यात बढ़ रहा था, क्योंकि चीन की बढ़ती उत्पादन लागत का फायदा भारत को मिल रहा था और चीन के ऑर्डर भारत में आ रहे थे। चीन के उत्पादों की लागत भारत से ज्यादा थी। अब अंतरराष्ट्रीय खरीदार कीमतों पर सौदेबाजी करने लगे हैं। फिलहाल सूती धागे 30 काउंट की कीमत 3.60 डॉलर प्रति किलोग्राम है, लेकिन अब खरीदार 3.50 डॉलर प्रति किलोग्राम पर मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं। चीन पहले ही 30 काउंट की कीमत घटाकर 3.50 डॉलर प्रति किलोग्राम कर चुका है। चीन भारतीय सूती धागे का बड़ा आयातक रहा है, लेकिन उसने पिछले तीन महीनों के दौरान भारत से सूती धागे का आयात भी घटा दिया है। भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ के चेयरमैन डी के नायर ने कहा, 'डॉलर के मुकाबले युआन कमजोर होने और रुपये के मजबूत होने से भारत में आने वाले ऑर्डरों पर असर पड़ा है और इसका असर कपड़ा उद्योग भी दिख रहा है।' इस समय आ रहे ऑर्डर कम कीमतों पर आ रहे हैं, जबकि कपास की कीमतें बढ़ रही हैं। वद्र्धमान समूह के चेयरमैन और एमडी एसपी ओसवाल ने कहा, 'आगामी समय में अगर रुपया मजबूत होता रहा और युआन कमजोर कमजोर होता रहा तो इसका सूती धागे के निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा। आने वाले समय में भारतीय निर्यातकों को दबाव झेलना पड़ सकता है।' कपास की बेंचमार्क किस्म शंकर6 का भाव चालू कैलेंडर वर्ष में अब तक 4 फीसदी बढ़कर 11,754 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) सूती धागे के निर्यात के जनवरी तक के ही आंकड़े जारी किए हैं, जो निर्यात में बढ़ोतरी को दर्शाते हैं। डीजीएफटी के मुताबिक जनवरी तक सूती धागे का निर्याथत 14.38 करोड़ किलोग्राम रहा है, जो पिछले साल जनवरी तक 11.71 करोड़ किलोग्राम था। (BS Hindi)

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