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05 अप्रैल 2014

कृषि जिंसों की कीमत सीमा में रियायत!

वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने जिंस एक्सचेंजों पर शाम के सत्र में कारोबार होने वाली कृषि जिंसों के लिए दैनिक कीमत सीमाओं में रियायत देने का प्रस्ताव रखा है। ऐसी 10 जिंसें हैं। नियामक ने 21 अप्रैल तक प्रतिक्रिया मांगी है। शुक्रवार को जारी विमर्श पत्र में एफएमसी ने कहा, 'यह प्रस्ताव रखा जाता है कि कृषि जिंसों के अनुबंधों के लिए शुरुआती दैनिक कीमत सीमा (डीपीएल) 4 फीसदी तय की जाए। इस सीमा के बाद 15 मिनट का कूलिंग-ऑफ पीरियड होगा और डीपीएल को को घटाकर 2 फीसदी किया जाएगा। किसी दिन अनुबंध में डीपीएल लगने के बाद उससे अगले दिन इसमें फिर से रियायत दी जा सकती है और यह 4+2+3 (फीसदी) होगा और डीपीएल पार होने के बाद 15 मिनट का कूलिंग-ऑफ पीरियड होगा।' प्रतिभूति बाजारों का अनुसरण करते हुए एफएमसी ने यह भी फैसला लिया है कि संवेदनशील मसलों पर कोई फैसला लेने से पहले विमर्श पत्र जारी किए जाएंगे। इक्विटी डेरिवेटिव्ज में कोई भी दैनिक कीमत सीमा या सर्किट नहीं है। एफएमसी के पत्र में कहा गया है कि इसका तर्क यह है अंतरराष्ट्रीय कारोबार वाली जिंसों के मामले में ऐसी सीमाएं उन लोगों के लिए रुकावट का काम करेंगी, जिन्हें अपनी पॉजिशन बेचनी हैं। अन्य कृषि जिंसों के मामले में जब कभी भारी उतार-चढ़ाव होगा तो दैनिक आधार पर सर्किट तब तक लगेगा जब तक कीमत इच्छित स्तर पर नहीं आ जाती। इससे उन लोगों को नुकसान होगा, जो अपनी पॉजिशन स्कवायर ऑफ यानी खरीद और बिक्री को बराबर करना चाहते हैं। (BS Hindi)

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