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30 अप्रैल 2015

सीसीआई नहीं करेगी कॉटन का निर्यात


घरेलू मार्किट में भाव बढ़ने से निगम को हो रहा है फायदा
आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कापोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) निर्यात के बजाए कॉटन की बिक्री घरेलू बाजार में ही करेगी। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कॉटन का भाव बढ़कर 34,500 से 35,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) हो गए। उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवक घटी है जबकि निर्यातकों के साथ ही मिलों की मांग से भाव तेज हुए हैं।
सीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निगम ने चालू फसल सीजन में एमएसपी पर 87 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की खरीद की है। इसमें से अभी तक करीब 7.5 लाख गांठ की बिक्री घरेलू बाजार में बेच भी दी है। उन्होंने बताया कि घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में आई तेजी से निगम को फायदा हो रहा है। इसलिए निगम ने निर्यात के बजाए घरेलू बाजार में ही कॉटन बेचने का फैसला किया है। निगम ई-निलामी के माध्यम से घरेलू बाजार में कपास की बिक्री कर रही है।
नार्थ कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवक कम हो गई है जबकि इस समय निर्यातकों के साथ ही घरेलू मिलों की मांग बढ़ी है। इसीलिए कपास की कीमतों में तेजी आई है। चालू महीने में कपास की कीमतों में 1,000 से 1,200 रुपये प्रति कैंडी की तेजी आ चुकी है। उन्होंने बताया कि चालू कपास सीजन में अभी तक करीब 50 लाख गांठ कपास के निर्यात सौदे हुए हैं। विश्व बाजार में भी कॉटन के भाव बढ़कर 70 सेंट प्रति पाउंड हो गए हैं जबकि चालू महीने के शुरू में इसके भाव 66 सेंट प्रति पाउंड थे।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अग्रिम अनुमान के अनुसार पहली अक्टूबर 2014 से शुरू चालू सीजन में कपास की पैदावार घटकर 397 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 407 लाख गांठ कपास की पैदावार हुई थी।......आर एस राणा

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