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23 अप्रैल 2015

आयात पड़ते महंगे होने से दालों की कीमतों में ओर तेजी की संभावना


आर एस राणा
नई दिल्ली। आयातित दालों के भाव उंचे होने से घरेलू बाजार में दलहन की कीमतों में और भी तेजी तेजी की संभावना है। सप्ताहभर में आयातित दालों की कीमतों में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। रबी सीजन में प्रतिकूल मौसम से दालों की पैदावार में कमी आई ही है, साथ ही मानसून बारिश सामान्य से कम रही तो खरीफ में दालों की बुवाई में भी कमी आने की आशंका है। इसलिए दालों की कीमतों में तेजी बनी रहने की उम्मीद है।
दलहन आयात संतोष उपाध्याय ने बताया कि आयातित दालों की कीमतें तेज बनी हुई है। मुंबई में आयातित चने के भाव बढ़कर 3,950 से 4,000 रुपये, उड़द के 7,100 रुपये, लेमन अरहर के भाव बढ़कर 6,300 से 6,400 रुपये, केनेडियन मसूर के भाव 5,600 से 5,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। पीली मटर के भाव बढ़कर 2,371 रुपये और हरीमटर के 2,900 से 3,000 प्रति क्विंटल हो गए। उन्होंने बताया कि आयातित दालों की कीमतों में आ रही तेजी का असर घरेलू बाजार में दालों की कीमतों पर भी पड़ेगा।
दलहन कारोबारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि मौसम विभाग ने चालू खरीफ में मानसूनी बारिश कम होने की संभावना जताई है इसका सीधा असर खरीफ में दालों की बुवाई पर पड़ेगा। इसलिए स्टॉकिस्टों के साथ ही दाल एवं बेसन मिलों की मांग और बढ़ जायेगी। उन्होंने बताया कि मई-जून में दालों की मांग आमतौर पर कम रहती है लेकिन जुलाई-अगस्त में बढ़ जाती है। ऐसे में जुलाई-अगस्त में दालों की कीमतों में तेजी बनने की उम्मीद है। इंदौर मंडी में गुरूवार को चने के भाव बढ़कर 3,700 से 3,800 रुपये, उड़द के भाव 7,200 रुपये, मूंग के भाव 7,800 रुपये और मसूर के भाव 5,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। अकोला मंडी में चने के भाव 3,925 से 4,000 रुपये, अरहर 6,400 से 6,600 रुपये, उड़द 6,600 से 7,100 रुपये और मूंग के भाव 7,500 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में दालों की पैदावार 129.3 लाख टन होने का अनुमान था जबकि पिछले साल रबी में 137.9 लाख टन की पैदावार हुई थी। मार्च-अप्रैल में बारिश और ओलावृष्टि से दलहनी फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए पैदावार सरकारी अनुमान से कम रहने की आशंका है। फसल वर्ष 2014-15 में दालों की कुल पैदावार 184.3 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले फसल वर्ष में 197.8 लाख टन की पैदावार हुई थी। वित्त वर्ष 2014-15 के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान ही देश में 41 लाख टन दालों का आयात हो चुका है।.......आर एस राणा

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