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08 अप्रैल 2015

सीसीआई की बिकवाली घटने व निर्यात मांग सुधरने से कपास की कीमतों में तेजी


आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) द्वारा कपास की बिकवाली सीमित मात्रा में की जा रही है जबकि विदेशी बाजार में दाम सुधरने से निर्यात सौदे भी बढ़े हैं। इसलिए घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में पिछले दस दिनों में करीब 2,000 रूपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की तेजी आ चुकी है। अहमदाबाद मंडी में बुधवार को शंकर-6 किस्म की कपास का भाव बढ़कर 33,800 से 34,000 रूपये प्रति कैंडी हो गए।
नार्थ कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि सीसीआई कपास की बिकवाली सीमित मात्रा में कर रही है, साथ ही सीसीआई के भाव भी उंचे हैं। उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवक भी घटकर अब 45 से 50 लाख गांठ (एक गांठ-170 लाख गांठ) की रह गई है। धागा मिलों के पास कपास का स्टॉक भी कम है, इसीलिए धागा मिलों की खरीद पहले की तुलना में बढ़ गई है जिससे तेजी को बल मिल रहा है।
सीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार निगम ने चालू सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 86 लाख गांठ कपास की खरीद की है। कपास व्यापारी अनुराग जैन ने बताया कि सीसीआई के पास कपास का सबसे ज्यादा स्टॉक है तथा इस समय सीसीआई कपास की बिकवाली सीमित मात्रा में कर रही है। उन्होंने बताया कि सीसीआई की बिकवाली सीमित मात्रा में ही रही तो कपास की कीमतों में और भी 2,000 से 3,000 रूपये प्रति कैंडी की तेजी आने की संभावना है।
कॉटन निर्यातक संजीव गर्ग ने बताया कि विदेशी बाजार में कॉटन की कीमतें बढ़कर 66 सेंट प्रति पाउंड हो गई है जिससे कॉटन के निर्यात पड़ते भी लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले की तुलना में निर्यात सौदों में तेजी आई है तथा उम्मीद है आगामी दिनों में निर्यात सौदों में और बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि अक्टूबर से चालू हुए फसल सीजन में अभी तक करीब 45 लाख गांठ कपास के निर्यात सौदे हो चुके हैं।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अग्रिम अनुमान के अनुसार पहली अक्टूबर 2014 से शुरू हुए चालू सीजन में कपास की पैदावार घटकर 397 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 407 लाख गांठ की पैदावार हुई थी।.....आर एस राणा

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