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25 जून 2015

कमजोर निर्यात मांग से कपास की कीमतों में गिरावट का रुख


चालू खरीफ में बुवाई क्षेत्रफल में कमी आने की आषंका
आर एस राणा
नई दिल्ली। कपास में निर्यातकों की मांग कम होने से भाव में गिरावट बनी हुई है। अहमदाबाद में षंकर-6 किस्म की कपास का भाव घटकर गुरुवार को 34,200 से 34,300 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रह गया। चालू सीजन में कई राज्यों में कपास के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गए थे, इसका असर चालू खरीफ में कपास की बुवाई पर पड़ सकता है।
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएषन के अध्यक्ष राकेष राठी ने बताया कि विष्व बाजार में कपास की उपलब्धता ज्यादा होने से निर्यात सीमित मात्रा में ही हो रही है जिसकी वजह से घरेलू मार्किट में भाव में गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि चालू महीने में तो उत्पादक राज्यों में अच्छी बारिष हुई है लेकिन कपास की तेजी-मंदी जुलाई की बारिष पर निर्भर करेगी। जुलाई में बारिष अच्छी हुई तो मौजूदा कीमतों में 200 से 400 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट आ सकती है लेकिन अगर बारिष कम हुई तो फिर भाव में 1,500 से 2,000 रुपये प्रति कैंडी की तेजी भी आ सकती है।
कपास कारोबारी संजीव गुप्ता ने बताया कि कपास की मांग कम होने से पिछले दस दिनों में इसकी कीमतों में 1,200 से 1,500 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट आ चुकी है। उन्होंने बताया कि कॉटन कारोपेरषन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ई-निलामी के माध्यम से कपास की बिकवाली कर रही है तथा निगम अभी तक करीब 15.5 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की बिकवाली कर चुकी है। उन्होंने बताया कि निगम ने चालू सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 87 लाख गांठ कपास की खरीद की थी। ऐसे में निगम के पास स्टॉक ज्यादा हो के कारण भी घरेलू बाजार में भाव घटे हैं। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में कई राज्यों में कपास की दाम एमएसपी से नीचे आ गए थे ऐसे में चालू खरीफ में इसका असर कपास की बुवाई पर पड़ने की आषंका है तथा इसके बुवाई क्षेत्रफल में चार-पांच फीसदी की कमी आ सकती है।
कपास निर्यातक फर्म के एक अधिकारी ने बताया कि चीन अपने रिजर्व स्टॉक की बिकवाली कर रहा है, इसीलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कपास की कीमतों में गिरावट आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास के भाव घटकर 62-63 सेंट प्रति पाउंड रह गए जबकि चालू महीने के षुरु में इसके भाव 65-66 सेंट प्रति पाउंड थे।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अभी तक कपास की बुवाई 19.66 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 20 लाख हैक्टेयर में हुई थी। कपास की बुवाई सामान्यतः 110 लाख हैक्टेयर में होती है।......आर एस राणा

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