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22 जून 2015

निर्यात मांग कम होने से जीरा की कीमतों में और गिरावट की आषंका


आर एस राणा
नई दिल्ली। रमजान का पवित्र महीना षुरु होने के कारण जीरा में खाड़ी देषों की आयात मांग कमजोर हुई है। साथ ही घरेलू मांग भी कम आ रही है जिससे जीरा की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। उत्पादक मंडियों में जीरा के भाव 2,800 से 3,200 रुपये प्रति 20 किलो क्वालिटीनुसार रह गए।
जीरा कारोबारी विरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि जीरा में निर्यातकों के साथ ही घरेलू मसाला कंपनियों की मांग कम आ रही है जिससे भाव में गिरावट बनी हुई है। उन्होंने बताया कि चालू महीने में उत्पादक मंडियों में जीरा की कीमतों में करीब 250 से 300 रुपये प्रति 20 किलो की गिरावट आ चुकी है। उंझा मंडी में जीरा की दैनिक आवक 4,000 बोरी (एक बोरी-55 किलो) की हो रही है जबकि सामान्य क्वालिटी के जीरा का भाव घटकर सोमवार को 2,800 से 3,000 रुपये और बेस्ट क्वालिटी के जीरा का भाव 3,000 से 3,200 रुपये प्रति प्रति 20 किलो रह गया। कमजोर मांग को देखते हुए मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट आने की आषंका है।
जीरा निर्यातक रजनीकांत पोपट ने बताया कि रमजान का पवित्र महीना षुरु होने के कारण खाड़ी देषों की आयात मांग कम हुई है। साथ ही टर्की और सीरिया में जीरा की नई फसल की आवक होने से भी मांग कम हुई है। हालांकि टर्की और सीरिया में जारी राजनीतिक गतिरोध को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2015-16 में भी देष से जीरा का निर्यात बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि जुलाई-अगस्त में जीरा की निर्यात मांग बढ़ने का अनुमान है, साथ ही इस दौरान घरेलू मांग भी बढ़ेगी।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 में देष से 1,55,500 टन जीरा का निर्यात हुआ है। जबकि वित वर्ष 2013-14 में देष से 1,21,500 टन जीरा का ही निर्यात हुआ था। देष से जीरा का सबसे ज्यादा निर्यात खाड़ी देखों को होता है। भारतीय जीरा का भाव विष्व बाजार में इस सप्ताह 3.70 डॉलर प्रति किलो रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 2.65 डॉलर प्रति किलो था।
कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में देष में जीरा की बुवाई 859,000 हैक्टेयर में हुई थी तथा पैदावार 514,000 टन होने का अनुमान है। पिछले साल भी देष में जीरा की पैदावार लगभग बराबर ही हुई थी।......आर एस राणा

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