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21 जुलाई 2015

सोना बेचने का अच्छा मौका!

सोने और चांदी की कीमतों में सोमवार को भी गिरावट जारी रही और ये पांच वर्षों के निचले स्तर पर आ गईं। एशियाई बाजारों में कारोबार के दौरान पीली धातु 4 फीसदी लुढ़ककर 1,089.80 डॉलर प्रति औंस पर आ गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का अगस्त डिलिवरी अनुबंध 2 फीसदी से ज्यादा गिरकर 24,904 रुपये पर आ गया। दिन के कारोबार के दौरान चांदी का सितंबर डिलिवरी अनुबंध 2.2 फीसदी गिरकर 33,430 रुपये पर आ गया। 

इन कीमती धातुओं की कीमतों में गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजïर्व की चेयरमैन जेनेट येलेन की टिप्पणियों के बाद आई है। येलेन ने गत सप्ताह के प्रारंभ में संकेत दिया था कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संतोषजनक वृद्धि को देखते हुए वर्ष 2015 में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना है। सोमवार की गिरावट की एक वजह चीन में सोने की बिकवाली को भी माना जा रहा है। चीन के शांघाई गोल्ड एक्सचेंज में महज कुछ मिनटों में ही 5 टन सोने की बिक्री हो गई। वर्ष 2009 के बाद पहली बार चीन ने अपने स्वर्ण भंडार की घोषणा की है। चीन ने अपना स्वर्ण भंडार 1,658 टन बताया है, जो बाजार के अनुमानों से काफी कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन आक्रामक तरीके से सोना जमा करेगा। अप्रैल 2009 में चीन का स्वर्ण कोष 1,054 टन था।

परिदृश्य

इस गिरावट को देखते हुए आपको क्या करना चाहिए? क्या यह बिकवाली के लिए अच्छा समय है? विश्लेषकों का अनुमान है कि सोने की कीमतें आगे और गिरेंगी और इनकी चाल अमेरिकी फेडरल रिजïर्व के ब्याज दरें बढ़ाने के फैसले से तय होगी। विश्लेषकों का कहना है कि सोने को आर्थिक अनिश्चितता से बचाव का जरिया माना जाता है। वैश्विक वृद्धि के माहौल से संबंधित अनिश्चितता का पता दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के सोने की शुद्ध खरीदारी से चलता है। रिपोर्टों में यह बताया गया है कि अगले 12 से 18 महीनों के दौरान सोने की कुल वैश्विक मांग की वृद्धि दर एक अंक में रहेगी। सोने की मांग इसलिए कम रहेगी क्योंकि आभूषणों की खपत सुस्त है और यह धारणा भी बनी हुई है कि अमेरिका में ब्याज दरों की संभावित बढ़ोतरी से सोने में निवेश का आकर्षण घटेगा। 

उदाहरण के लिए इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने वित्त वर्ष 2016 में घरेलू सोने की कीमतों के लिए नकारात्मक आउटलुक रखा है। एजेंसी का मानना है कि सोने की कीमतों की चाल काफी हद तक अमेरिका में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगी। इंडिया रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक (कॉरपोरेट्स) दीप एन मुखर्जी ने कहा, 'अमेरिका में ब्याज दरें बढऩे की स्थिति में सोने की वैश्विक कीमतें गिर सकती हैं और ये 900 से 1,050 डॉलर प्रति औंस के दायरे में रहेंगी। इसी तरह सोने की घरेलू कीमतें भी लुढ़क सकती हैं और ये 20,500 से 24,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच रहेंगी।' उन्होंने कहा, 'हालांकि अमेरिका ब्याज दरें बढ़ाने के फैसले को टाल रहा है, जबकि जापान और यूरो जोन अपनी अपरंपरागत मौद्रिक नीति जारी रखे हुए हैं। इस वजह से सोने की कीमतें बढ़कर वित्त वर्ष 2016 में 1,300 से 1,350 डॉलर प्रति औंस के दायरे में आ सकती हैं।' (BS Hindi)

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