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06 अगस्त 2015

जुलाई महने में खली के निर्यात में 86 फीसदी की भारी गिरावट

आर एस राणा
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें कम होने के कारण देष से खली के निर्यात में भारी गिरावट बनी हुई है। चालू वित्त वर्ष 2015-16 के जुलाई महीनें में देष से खली का निर्यात 86 फीसदी घटकर केवल 18,410 टन का ही हुआ है। घरेलू बाजार में कीमतें उंची होने के साथ ही विष्व बाजार में दाम नीचे है जिससे सोया खली का निर्यात घटकर जुलाई महीने में न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार जुलाई महीने में देष से केवल 18,410 टन खली का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई महीने में 132,102 टन खली का निर्यात हुआ था। जुलाई में देष से केवल 928 टन सोयाबीन खली का निर्यात ही हुआ है। चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान खली के निर्यात में 35 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 492,086 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 757,907 टन खली का निर्यात हुआ था।
निर्यात मांग कमजोर होने के कारण खली की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। भारतीय बंदरगाह पर सोयाखली के भाव घटकर जुलाई महीने में 507 डॉलर प्रति टन रह गए जबकि जून महीने में इसके भाव 553 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से सरसों खली के भाव इस दौरान 277 डॉलर से घटकर 272 डॉलर और मूंगफली खली के भाव 463 डॉलर से घटकर 450 डॉलर प्रति टन रह गए। ईरान के साथ ही वियतनाम की आयात मांग खली में सबसे ज्यादा कम क्रमषः 91.94 और 82.21 फीसदी कम रही है।.........आर एस राणा

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