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20 अक्तूबर 2015

नवंबर में दलहन की कीमतों में गिरावट आने की संभावना


अगले तीन-चार महीने में करीब 22 लाख टन दलहनों का होगा आयात
आर एस राणा
नई दिल्ली। फसल सीजन 2014-15 में तो देष में दलहन की पैदावार में कमी आई ही थी साथ ही खरीफ सीजन में अप्रैल-सितंबर में देषभर में मानसूनी बारिष कम होने से रबी दलहन की बुवाई में भी कमी आने की आषंका है। यही कारण है कि खरीफ दलहन की दैनिक आवक उत्पादक मंडियों में बनने के बावजूद भी दालों की कीमतों में भारी तेजी बनी हुई है। हालांकि हरियाणा और राजस्थान में अरहर की नई फसल की दैनिक आवक षुरु हो गई है तथा अन्य उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेष और उत्तर प्रदेष में अरहर की नई फसल की दैनिक आवक दिसंबर-जनवरी में बनेगी, साथ ही आयातित दालों की आवक भी नवंबर महीने से बढ़नी षुरु हो जायेगी, ऐसे में नवंबर के बाद दलहन की कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है।
म्यंामार से आयातित अरहर का भाव मुंबई बंदरगाह पर 1,900 डॉलर प्रति टन, मूंग का भाव 1,250 से 1,280 डॉलर प्रति टन, पेड़ीसेवा की मूंग का भाव 1,310 डॉलर, लाल उड़द एफएक्यू 1,940 डॉलर, एसक्यू 2,090 डॉलर, राजमा पोलिस का भाव 900 डॉलर प्रति टन है। इसके अलावा आस्ट्रेलियाई चने का भाव 5,450 रुपये प्रति क्विंटल, कनाडा की मसूर का भाव 5,500 से 6,400 रुपये, कनाडा की पीली मटर का भाव 2,331 रुपये प्रति क्विंटल, हरी मटर का भाव 2,450 से 2,550 रुपये प्रति क्विंटल, रुस के काबूली चने का भाव 4,400 से 4,900 रुपये प्रति क्विंटल है।
मध्य प्रदेष की इंदौर मंडी में चना के भाव 4,800 रुपये, उड़द का भाव 10,000 रुपये, मसूर 6,975 रुपये, काबूली 6,000 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल है
महाराष्ट्र की अकोला मंडी में चना 5,100 रुपये, अरहर 11,500 से 13,000 रुपये, उड़द 10,500 रुपये,  मूंग 8,500 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
स्टॉक लिमिट - केंद्र सरकार ने बीते दिनों दलहनों की कीमतों मंे आई तेजी रोकने के लिए भारतीय खाद्य अधिनियम, 1955 के तहत दालों पर स्टॉक लिमिट लगा दी है, यह अलग बात है कि स्टॉक लिमिट लगाने के बाद भी दालों की कीमतों में तेजी रुक नहीं रही है, इसका प्रमुख कारण देष में दालों की कुल उपलब्धता मांग के मुकाबले कम होना है।
स्टॉक लिमिट लगाने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है तथा केंद्र सरकार द्वारा स्टॉक लिमिट लागू करने के बावजूद भी अभी तक केवल राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेष और महाराष्ट्र में ही राज्य सरकारों ने स्टॉक लिमिट लागू की है जबकि अन्य राज्य सरसों ने अभी तक स्टॉक लिमिट नहीं लगाई है।
दलहन उत्पादन - कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में देष में दलहन की पैदावार घटकर 172 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले फसल वर्ष 2013-14 में देष में दालों की पैदावार 192.5 लाख टन की हुई थी।
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ सीजन 2015-16 में देष में दलहन की पैदावार 55.6 लाख टन होने का अनुमान है। फसल सीजन 2014-15 खरीफ में दलहन की पैदावार 56.3 लाख टन की हुई थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की पैदावार 26.1 लाख टन, उड़द की पैदावार 13.7 लाख टन तथा मूंग की पैदावार 8.6 लाख टन होने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिषन के तहत दलहन, गेहूं और चावल की पैदावार बढ़ाने के लिए अलग से धनराषि का आवंटन कर रही है। फसल सीजन 2014-15 में इसके तहत आवंटित कुल राषि में से 50 फीसदी दलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए खर्च की गई। लेकिन बेमौसम बारिष और ओलावृष्टि आदि से फसलों को हुए नुकसान के कारण दालों की पैदावार में कमी आई।
कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिषन के तहत रबी 2015-16 में दलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए अलग से 400 करोड़ रुपये का आवंटन किया हुआ है इसके तहत किसानों को प्रमाणित बीजों के अलावा, खाद तथा कीटनाषकों की खरीद के लिए सब्सिडी दी जायेगी।
दलहन की सालाना खपत - देष में सालाना दलहन की खपत 230 से 240 लाख टन की होती है।
दलहन निर्यात पर प्रतिबंध - केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में सप्लाई सुगम के लिए काबूली चना को छोड़ अन्य दालों के निर्यात पर रोक लगा रखी है।
दलहन आयात - कृषि मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2013-14 में देष में 36.54 लाख टन दालों का आयात हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2014-15 में आयात बढ़कर 45.84 लाख टन का हो गया। चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान देष में 10.22 लाख टन दालों का आयात हो चुका है। अभी तक हुई दालों के आयात में 2.88 लाख टन मटर, 1.52 लाख टन चना, 2.03 लाख टन मूंग और उड़द, 1.56 लाख टन मसूर 1.26 लाख टन अरहर है।
केंद्र सरकार सार्वजनिक कंपनियों के माध्यम से दलहन का आयात कर रही है, इसमें सबसे ज्यादा आयात अरहर और उड़द का किया जा रहा है।
इसके अलावा प्राइवेट आयातक, चना, मटर, मसूर और अरहर के साथ ही उड़द का भी आयात कर रहे हैें। प्राइवेट आयातकों के अनुसार नवंबर में करीब एक लाख टन चना आस्ट्रेलिया से भारत पहुेगा।
उद्योग के अनुसार अगले तीन-चार महीने में देष में करीब 20 से 22 लाख टन दलहन का आयात होना है, हालांकि स्टॉक लिमिट लागू होने के कारण आयातक सीतिम मात्रा में ही आयात कर रहे हैं, जिसकी वजह से यहां उपलब्धता कम ही बनी हुई है। सार्वजनिक कंपनियों ने भी अभी तक केवल 5,000 टन दालों का ही आयात किया है।.........आर एस राणा

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