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06 अक्तूबर 2015

मिलों की मांग कम होने से केस्टर सीड में गिरावट


आर एस राणा
नई दिल्ली।  उत्पादक राज्यों में मौसम साफ होने से केस्टर सीड की दैनिक आवक पहले की तुलना में बढ़ी है। केस्टर सीड के प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में सितंबर महीने के आखिर में हुई बारिष केस्टर सीड की आने वाली नई फसल के लिए फायदेमंद है। इसीलिए उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है।
इस समय केस्टर तेल में निर्यात मांग अच्छी है तथा फसल का ऑफ सीजन होने के कारण दैनिक आवक आगामी दिनों में घटेंगी। वैसे भी नई फसल आने में अभी काफी समय बचा हुआ है इसलिए केस्टर सीड की कीमतों में फिर से सुधार आने का अनुमान है।
केस्टर तेल में इस समय चीन की आयात मांग अच्छी बनी हुई है। उद्योग के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान 1,71,804 टन केस्टर तेल का निर्यात हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,68,427 टन तेल का निर्यात हुआ है। वित वर्ष 2014-15 में देष से 4.59 लाख टन केस्टर तेल का निर्यात हुआ था तथा चालू वित वर्ष 2015-16 में भी निर्यात अच्छा होने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई 10.24 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 9.75 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में केस्टर सीड की पैदावार बढ़कर 17.33 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 17.27 लाख टन की हुई थी।
गुजरात की राजकोट मंडी में केस्टर सीड के भाव 3,625 से 3,915 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 28 टन की हुई। राज्य की हिम्मतनगर मंडी मेें केस्टर सीड के भाव 3,950 से 3,995 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 26.9 टन की हुई। राजस्थान की जयपुर मंडी में केस्टर सीड के भाव 3,500 से 3,650 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 2.2 टन की हुई। राज्य की गोलूवाला मंडी में केस्टर सीड के भाव 3,750 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक एक टन की हुई।......आर एस राणा

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