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17 नवंबर 2015

रुपये के कमजोर होने से कॉफी निर्यात में आएगी तेजी


कॉफी बोर्ड ने 1.84 लाख हेक्टेयर में फसल उगाने के लिए निर्यात परमिट दिए हैं। यह रकबा पिछले साल से 12 फीसदी अधिक है। बोर्ड का मानना है कि कमजोर रुपये की वजह से कॉफी का निर्यात बढ़ रहा है। मुंबई में जनवरी 2016 में आयोजित होने वाले इंडिया इंटरनैशनल कॉफी फेस्टिवल के छठे संस्करण की घोषणा करते हुए कॉफी बोर्ड की चेयरपर्सन लीना नायर ने कहा, 'इस साल निर्यात में इजाफा होगा। कॉफी के अंतरराष्ट्रीय दाम गिर रहे हैं और विशेष रूप से अरेबिका की कीमतें तेजी से टूटी हैं। रुपये में गिरावट से निर्यातकों को मदद मिल रही है और घरेलू खपत में इजाफा हो रहा है।'
कॉफी बोर्ड का अनुमान है कि इस साल 3,55,600 टन कॉफी का उत्पादन होगा और दक्षिण भारत में हाल में हुई बारिश का कॉफी की कटाई पर मामूली असर होगा। कॉफी की कटाई नवंबर के प्रारंभ से शुरू हो चुकी है। नायर ने कहा, 'यह बारिश अगले साल के लिए अच्छी है।' बरिस्ता, कॉफी डे और स्टारबक्स जैसे कॉफी कैफे के विस्तार के चलते महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे गैर-परंपरागत क्षेत्रों में कॉफी की खपत 43 फीसदी की दर से बढ़ रही है। तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे परंपरागत क्षेत्रों में इसकी खपत में हर साल 2.5 फीसदी वृद्धि हो रही है।
इंडिया कॉफी ट्रस्ट (आईसीटी) के अध्यक्ष अनिल कुमार भंडारी ने कहा, 'इसलिए कुछ खपत 6 से 7 फीसदी की दर से बढ़ रही है।' उन्होंने कहा कि कॉफी बोर्ड और आईसीटी कैफे में कॉफी का अनुभव लेने वाले उपभोक्ताओं के बीच घर में कॉफी की खपत को बढ़ावा देगा। भारत में कॉफी की सालाना खपत 1 लाख टन पर पहुंच गई है, जो प्रति व्यक्ति खपत 90 ग्राम बैठती है।
नायर ने कहा, 'हम गैर-परंपरागत क्षेत्रों में लोगों को कॉफी पीने के लिए प्रोत्साहित कर बाजार को बढ़ा रहे हैं।' भंडारी ने कहा कि कॉफी सम्मेलन में उद्यमियों को कॉफी कारोबार में स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इंडिया इंटरनैशनल कॉफी फेस्टिवल की थीम 'सेलिब्रेटिंग दी कॉफी' रखी गई है। इसमें 400 प्रतिनिधि और 60 से अधिक कंपनियां हिस्सा लेंगी और उत्पादन रुझान और इस क्षेत्र में उभरते अवसरों पर चर्चा करेंगी। (BS Hindi)

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