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20 नवंबर 2015

खरीफ में बारिष की कमी से रबी फसलों की बुवाई पिछड़ी


गेहूं के साथ ही सरसों की बुवाई कम, चना की बुवाई में हुई बढ़ोतरी
आर एस राणा
नई दिल्ली। सितंबर महीने में मानसूनी बारिष की कमी का असर रबी फसलों की बुवाई पर पड़ रहा है। रबी की प्रमुख फसल गेहूं और सरसों की बुवाई पिछले साल की तुलना में पिछड़ी है। हालांकि रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। रबी सीजन में देषभर में अभी तक 242.16 लाख हैक्टेयर में ही रबी फसलों की बुवाई हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 276.94 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई अभी तक 78.83 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 107.35 लाख हैक्टेयर में इसकी बुवाई हो चुुकी थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई बढ़कर 52.43 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 50.22 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। दलहन की कुल बुवाई चालू रबी में अभी तक 74 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 77.42 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
मोटे अनाजों की बुवाई में चालू रबी में बढ़ोतरी हुई है। मंत्रालय के अनुसार मोटे अनाजों की बुवाई बढ़कर 38.48 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुवाई 30.87 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। मोटे अनाजों में ज्वार के साथ ही मक्का की बुवाई चालू रबी में बढ़ी है। मक्का की बुवाई बढ़कर 4.28 लाख हैक्टेयर में और ज्वार की 31.48 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।
तिलहनों की बुवाई भी चालू रबी में अभी तक केवल 50.56 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 60.51 लाख हैक्टेयर में इनकी बुवाई हो चुकी थी। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई 42.51 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 54.07 लाख हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हो चुकी थी। मूंगफली की बुवाई भी पिछले साल के 1.97 लाख हैक्टेयर से घटकर 1.78 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है।----------------आर एस राणा

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