कुल पेज दृश्य

02 दिसंबर 2015

मिलरों की मांग कम होने से धान की कीमतों में आई गिरावट


चावल की सरकारी खरीद 141 लाख टन के पार
आर एस राणा
नई दिल्ली। उंचे भाव में मिलरों के साथ ही स्टॉकिस्टों की मांग घटने से धान के साथ ही चावल की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई। उत्पादक मंडियों में जहां चावल की कीमतों में 100 से 200 रुपये का मंदा आया वहीं धान की कीमतों में 300 से 4,00 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
उंचे भाव में मांग कम होने से धान और चावल की कीमतों में सप्ताहभर में गिरावट देखी गई। चावल की कीमतों में जहां 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है वहीं धान की कीमतों में 400 से 450 रुपये प्रति क्विंटल तक घटे हैं। बुधवार को हरियाणा की करनाल मंडी में पूसा-1,121 बासमती धान 2,500 रुपये, पूसा-1,509 धान की 1,900 रुपये, डुप्लीकेट बासमती की 2,000 रुपये, सुंगधा की 1,650 रुपये तथा सरबती की 1,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। पूसा-1,121 बासमती चावल के सेले का भाव 4,400 रुपये, स्टीम का 5,600 रुपये और रॉ का भाव 5,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
चालू खरीफ विपणन सीजन 2015-16 में चावल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बढ़कर 141.26 लाख टन की हो चुकी है। चालू सीजन में मंडियों में अभी तक 240 लाख टन धान की आवक हो चुकी है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार चालू खरीफ विपणन सीजन 2015-16 में एमएसपी पर चावल की बढ़कर 141.26 लाख टन की हो चुकी है जबकि पिछले विपणन सीजन की समान अवधि में 107.25 लाख टन चावल की ही खरीद हुई थी। उत्पादक राज्यों की मंडियों में अभी तक 240 लाख टन धान की आवक हो चुकी है जबकि पिछले विपणन सीजन की समान अवधि में 193.79 लाख टन धान की आवक हुई थी।
चवल की अभी तक हुई खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 93.29 लाख टन, हरियाणा की 28.53 लाख टन चंडीगढ़ की 16,338 टन, गुजरात की 376 टन, जम्मू-कष्मीर की 3,589 टन, केरल की 95,701 टन, मध्य प्रदेष की 61,759 टन, तमिलनाडु की 39,918 टन, उत्तर प्रदेष की 3.91 लाख टन तथा उत्तराखंड की 1.42 टन है। आंध्र्रप्रदेष से 1.95 लाख टन और तेलंगाना से 5.26 लाख टन चावल की खरीद हो चुकी है। पंजाब और हरियाणा की मंडियों में धान की दैनिक आवक कम हो गई है इसलिए आगामी दिनों में आंध्रप्रदेष, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ से खरीद में बढ़ोतरी होगी।
चालू खरीफ में केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 300 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य किया है जबकि 321.61 लाख टन चावल की खरीद हुई थी।..........आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: