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04 फ़रवरी 2016

एनसीडीईएक्सः स्टॉक डिपोजिट के नियम किए सख्त


कैस्टर मामले से सबक लेने के बाद एनसीडीईएक्स ने डिपॉजिट नियमों को सख्त किया है। अब एक्सचेंज के गोदामों में कमोडिटी की डिपोजिट के वक्त कारोबारी को बताना होगा कि इसका वास्तविक बेनीफिसियरी कौन है। नो-योर-डिपॉजिटर के नए नियम आज से ही लागू हो गए हैं। दरअसल सूत्रों से जानकारी मिली है कि कैस्टर मामले में 4 ब्रोकरों का पता फर्जी पाया गया है, इससे कमोडिटी वायदा बाजार के कामकाज पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
ऊधर सेबी कमोडिटी बाजार की तस्वीर बदलने के लिए अपनी सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने जा रहा है। सेबी ने कहा है कि ये आम धारणा है कि कमोडिटी मार्केट सट्टेबाजी का अखाड़ा है, इस धारणा को दूर करने की जरुरत है। इसके लिए कमोडिटी बाजार में भी शेयर बाजार के नियम लागू करने की तैयारी है और इसके बारे में एक्सचेंजों को कहा जा चुका है। इसके तहत एक्सचेंजों को देश भर में निवेशक सेवा केंद्र खोलने के लिए कहा गया है।दूसरी तरफ एनएसईएल घोटाले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने डिफॉल्टर कंपनी आस्था ग्रुप को 157.5 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है। जिसे एक महीने के भीतर जमा करना है। इससे पहले स्पेशल कोर्ट मोहन इंडिया के 350 करोड़ रुपये की संपशि नीलाम करने का आदेश जारी कर चुका है। हालांकि इस पूरे मामले के बाद अब तक एनएसईएल के निवेशकों का पैसा कब तक मिलेगा, एक बड़ा सवाल बना हुआ है।कमोडिटी वायदा बाजार को लेकर कृषि मंत्री राधामोहन सिंह का भी एक बड़ा बयान आया है, उन्होंने कहा है कि वायदा बाजार से किसानों का जोखिम कम हो गया है। हालांकि इसके लिए देश में इसे विकसित करने की जरुरत है। ये बयान उस वक्त आया है कि जब हाल के दिनों में कृषि कमोडिटी वायदा को लेकर कई विवाद सामने आए हैं और कैस्टर में सट्टेबाजी की वजह से इसे बंद करना पड़ा है।

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