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27 फ़रवरी 2016

एग्री जिंसों की दैनिक समीक्षा..........

असम और उड़ीसा की आवक से उड़द में नरमी का रुख
सोयाबीन में बन सकती है तेजी, हल्दी की दैनिक आवक बढ़ी
आर एस राणा
नई दिल्ली। असम और उड़ीसा में उड़द की नई फसल की आवक षुरु हो गई है। आंधप्रदेष में भी नई फसल की आवक हो रही है इसलिए इसकी मौजूदा कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। मध्य प्रदेष की इंदौर मंडी में उड़द के भाव 9,500 रुपये, महाराष्ट्र की अकोला मंडी में 9,500 रुपये, राजस्थान की जयपुर मंडी में 9,000 रुपये दिल्ली के नया बाजार में 10,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। मुंबई में आयातित उड़द के भाव 9,700 से 10,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन और तेल तेज है, सोया खली की घरेलू मांग बढ़ी है जबकि सोयाबीन का स्टॉक कम माना जा रहा है इसलिए आगामी दिनों में इसकी कीमतों में सुधार आने का अनुमान है। मध्य प्रदेष की इंदौर मंडी में सोयाबीन के भाव 3,300 से 3,750 रुपये, इंदौर मंडी में 3,775 रुपये, राजस्थान की कोटा मंडी में 3,600 रुपये, लातूर मंडी में 3,810 रुपये, इंदौर में सोया खली के भाव 33,000 रुपये और कोटा में 32,500 रुपये प्रति टन रहे। रिफाइंड सोया तेल का भाव 615 से 617 रुपये प्रति 10 किलो रहा। सोयाबीन की दैनिक आवक एक लाख बोरी की हो रही है।
उत्पादक मंडियों में हल्दी की दैनिक आवक बढ़ी है जबकि इसकी मांग स्थिर बनी हुई है। हल्दी के भाव निजामाबाद मंडी में 8,700 रुपये, इरोड मंे 8,800 रुपये, सेलम में 9,800 रुपये तथा नांनदेड मंडी में 8,500 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
जीरा में दैनिक आवक बढ़ने के साथ ही मांग भी बढ़ी है। माना जा रहा है कि एक बार भाव में गिरावट आ सकती है। उंझा मंडी में जीरा की दैनिक आवक 10,000 बोरी की हो रही है जिसमें से 8,000 बोरी नया जीरा आ रहा है। मार्च के पहले सप्ताह में आवक बढ़ने पर भाव में गिरावट आ सकती है। लालमिर्च में अभी तेजी का रुख ही रहने की संभावना है जबकि धनिया में बादामी क्वालिटी में मांग अच्छी होने से तेजी बन सकती है।
निर्यात मांग कम होने से कपास की कीमतें स्थिर बनी हुई है लेकिन खल और बिनौला में घरेलू मांग अच्छी होने से तेजी का रुख बन सकता है। मक्का की कीमतों में गिरावट आयेगी, मौसम सामान्य से ज्यादा गर्म होने का असर गेहूं की फसल पर पड़ सकता है, अभी बारिष हुई तो फसल को फायदा होगा, लेकिन मध्य मार्च के बाद बारिष हुई तो फिर नुकसान हो सकता है।.........आर एस राणा

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