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23 जून 2016

गेहूं की कीमतों में तेजी-मंदी मध्य प्रदेष के गेहूं की निविदा पर निर्भर

गेहूं  की कीमतों में तेजी-मंदी मध्य प्रदेष के गेहूं की निविदा पर निर्भर
गेहूं  आयात पर 25 फीसदी षुल्क की अवधि बढ़ाने के बाद आयात सौदे बंद
आर एस राणा
नई दिल्ली। जुलाई में केंद्र सरकार खुले बाजार बिक्री योजना के तहत गेहूं की बिक्री षुरु करेगी तथा सरकार ने गेहूं का बिक्री भाव 1,640 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है इसमें परिवहन लागत एवं अन्य खर्च अलग है। ऐसे में आगामी दिनों में गेहूं की तेजी-मंदी मध्य प्रदेष में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा जारी निविदा की मात्रा पर निर्भर करेगी। अगर मध्य प्रदेष में गेहूं की निविदा की मात्रा एक लाख टन की हुई तो फिर गेहूं की कीमतों में करीब 100 रुपये की गिरावट आयेगी। उधर केंद्र सरकार द्वारा गेहूं पर आयात ष्षुल्क की अवधि को 3 महीने बढ़ाने के बाद से नए आयात सौदे आयातकों ने रोक दिए हैं।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एफसीआई 4 जुलाई को प्रमुख उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेष, पंजाब और हरियाणा में पहली निविदा जारी करेगी। पंजाब और हरियाणा से दक्षिण भारत की फ्लोर मिलें गेहूं की खरीद नहीं करना चाहती इसलिए तेजी-मंदी मध्य प्रदेष में जारी होने वाली निविदा की मात्रा पर ही निर्भर करेगी। मध्य प्रदेष से 1,640 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीद करने पर बंगलुरु पहुंच गेहूं का भाव 1,950 रुपये प्रति क्विंटल बैठेगा, जबकि हरियाणा से खरीद करने पर 2,070 रुपये प्रति क्विंटल बैठेगा।
केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के आयात पर 25 फीसदी षुल्क की अवधि को 3 महीने बढ़ा देने के बाद से आयातकों ने नए आयात सौदे बंद कर दिए है। चालू रबी में अभी तक 5 लाख टन गेहूं के आयात सौदे किए है तथा आस्ट्रेलिया से गेहूं का आखिरी आयात सौदा 252 डॉलर प्रति टन (भारतीय बंदरगाह पहुंच) की दर से किया था। आस्ट्रेलिया से अभी तक करीब 33 हजार टन गेहूं ही भारत पहुंचा है जबकि फ्रांस से एक लाख टन गेहूं मध्य जुलाई तक पहुंचेगा। इस समय फ्रांस से आयातित गेहूं का भाव दक्षिण भारत में 2,030 से 2,040 रुपये प्रति क्विंटल है तथा यह लाल गेहूं है। आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं का भाव दक्षिण भारत में 2,260 से 2,270 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच बैठेगा।
एफसीआई ने चालू रबी विपणन सीजन 2016-17 में 229.30 लाख टन गेहूं ही खरीदा है जबकि पिछले रबी विपणन सीजन की समान अवधि में खरीद 278.85 लाख टन की हुई थी।.............आर एस राणा

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