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25 जून 2016

केस्टर सीड की बुवाई में कमी की आषंका

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में प्रमुख उत्पादक राज्यों गुजरात और राजस्थान में केस्टर सीड की बुवाई में 10 से 15 फीसदी की कमी आने की आषंका है। माना जा रहा है कि किसान केस्टर सीड के बजाए दलहन की फसलों की बुवाई ज्यादा करेंगे, ऐसे में केस्टर सीड की बुवाई इसकी खेती वालें राज्यों में अगले दस दिनों में बारिष कैसी होती है, उस पर ज्यादा निर्भर करेगी। अतः केस्टर सीड की कीमतों में तेजी-मंदी का गणित मध्य जुलाई के बाद ही तय होगा।
जानकारों के अनुसार चालू खरीफ में मानूसनी बारिष अच्छी होने का अनुमान है तथा केस्टर सीड के भाव काफी नीचे रहे हैं, ऐसे में किसान केस्टर के बजाए अरहर, मूंग और उड़द के साथ ही अन्य फसलों की बुवाई ज्यादा करेंगे। पिछले साल केस्टर सीड की बुवाई 11 लाख हैक्टेयर में हुई थी जबकि इस बार 9 से 9.5 लाख हैक्टेयर में ही इसकी बुवाई होने का अनुमान है।
साबुन कंपनियों की मांग निकलने से चालू सप्ताह मंे केस्टर तेल और सीड की कीमतांें में हल्का सुधार आया है। केस्टर सीड के भाव उत्पादक मंडियों में 3,100 से 3,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि केस्टर तेल कार्मिषयल ग्रेड के भाव 675 रुपये प्रति 10 किलो हो गए।
चालू महीने के दूसरे सप्ताह में केस्टर तेल का निर्यात 9.13 फीसदी बढ़कर 16,541.37 टन का हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह में 15,157.48 टन का निर्यात हुआ था। इस समय केस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,189.06 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान 4.34 लाख टन केस्टर तेल का निर्यात हुआ है जोकि वित्त वर्ष 2014-15 की समान अवधि के 4 लाख टन से अधिक है।.............आर एस राणा

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