कुल पेज दृश्य

14 जुलाई 2016

चना दाल की जमाखोरी पर सरकार सख्त

 केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य एजेंसियों को अवैध रूप से जमा करीब 1.25 लाख टन चना दाल जब्त करने के लिए देश भर में गोदामों और भंडारगृहों पर छापा मारने के निर्देश दिए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि कारोबारियों ने किसानों की ओर सेचना दाल का गैर-कानूनी भंडारण किया है। इससे देश में इस दाल की कृत्रिम मांग बढ़ गई है जिससे कीमतें चढ़ी हैं। अधिकारियों ने कहा कि सरकार का मानना है इस दाल की ज्यादातर जमाखोरी मध्य प्रदेश और महाराष्टï्र में की गई है। इन दोनों राज्य में चना दाल की सबसे अधिक पैदावार होती है। इसके साथ ही केंद्र सभी राज्यों को एक पत्र भी लिखने वाला है जिसमें इन्हें महानगरों और अन्य बड़े शहरों में दलहनों की खुदरा और थोक कीमतों में अंतर कम कर 20-25 प्रतिशत करने के लिए कहेगा।  इस समय दिल्ली जैसे शहरों में दलहन की खुदरा और थोक कीमतों में 47-50 प्रतिशत का अंतर है, जो असामान्य बताया जा रहा है। खुदरा और थोक कीमतों में अंतर कम करने से खुदरा कारोबारी एक सीमा से अधिक समय तक दलहन का भंडारण नहीं कर पाएंगे। राज्यों को चना दाल जब्त करने के लिए सभी संभव उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार चना दाल की औसत कीमतें पिछले एक महीने के दौरान करीब 20 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई हैं। दूसरी दालों की कीमतें भी 100 रुपये प्रति किलो से अधिक हैं और हाल में चना दाल की कीमतों में आई तेजी से खुदरा महंगाई और बढऩे का अंदेशा बढ़ गया है। जून में खुदरा महंगाई दर पहले ही पिछले 22 महीने के उच्चतम स्तर 5.77 प्रतिशत पर पहुंच गई है।  अधिकारियों का मानना है कि चने की जितनी मात्रा खुदरा बाजार में नहीं आई है उनकी जमाखोरी की गई है। वायदा बाजार में भी चना का कारोबार कम हुआ है। 2015 में वायदा बाजार में 1.35 लाख टन चने का कारोबार हुआ था जो इस साल घटकर करीब 11,000 टन रह गई है। आज हुई एक अन्य बैठक में अधिकारियों ने शीर्ष अधिकारियों ने दलहन आयात आपूर्ति की स्थिति की भी समीक्षा की। बैठक में जो जानकारी दी गई उसके अनुसार भारतीय बंदरगाहों पर 19,000 टन आयातित दलहन की खेप पहुंच चुकी है। सरकारी ने 36,000 टन दलहन आयात के लिए अनुबंध किए हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: