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14 सितंबर 2016

अब दाल की कीमत नहीं बढ़ेगी हद से ज्यादा

अब दाल की कीमत एक हद से ज्यादा नहीं बढ़ेगी। सरकार ने खुदरा व्यापारियों को चेतावनी दी है कि अगर थोक और खुदरा कीमतों में ज्यादा अंतर हुआ तो सरकार रिटेल भाव की सीमा तय करेगी। इससे ज्यादा कीमत पर दाल बेचना गैरकानूनी होगा।  दाल की महंगाई से लगातार हो रही बदनामी अब सरकार झेलना नहीं चाहती है। शायद यही वजह है कि सरकार ने अब वो हथियार चलाने का फैसला किया है जो अब तक सिर्फ कानून के कागजों में दबे थे। सरकार ने कहा है कि अगले कुछ दिन तक वो दाल की कीमतों की समीक्षा करेगी। अगर रिटेल स्टोर यानी किराना दुकानों पर दाल की कीमतें थोक बाजार के मुकाबले बहुत ज्यादा बनी रही तो इशेंसियल कमोडिटीज एक्ट के तहत कदम उठाएगी। और ये तय करेगी कि दाल की अधिकतम कीमतें क्या होनी चाहिए। यानी उस तय कीमत से ज्यादा दाम पर दाल बेचना गैर कानूनी माना जाएगा। सरकार का कहना है कि थोक बाजार में मुकाबले रिटेल में 15 फीसदी से ज्यादा दाम नहीं होने चाहिए।   दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों में थोक बाजार में तो दाल सस्ती हुई है लेकिन खुदरा बाजार में महंगी बनी हुई है। दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में तो ये अंतर 30  फीसदी तक है। इसलिए सरकार अब रिटेलर्स पर शिकंजा कसना चाहती है। साथ में सरकार ने इस बार से सबक सीखते हुए 20 लाख टन दाल का बफर स्टॉक बनाने का भी फैसला लिया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि सरकार दाल का बफर स्टॉक बनाएगी।

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