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09 जनवरी 2017

पहली छमाही के दौरान दोगुना हुआ प्याज निर्यात

न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) हटाने और प्याज पर भारत वाणिज्यिक निर्यात योजना (एमईआईएस) के विस्तार के निर्णय से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान प्याज निर्यात दोगुना हो गया है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़े दर्शाते हैं कि अप्रैल-सितंबर के दौरान कुल निर्यात 9,46,603 टन रहा जबकि पिछले साल समान अवधि में यह 4,88,446 टन था। हालांकि वैश्विक कीमतों में तेज गिरावट की वजह से इस दोगुनी मात्रा के बावजूद कुल प्राप्त राशि में कुछ ही इजाफा (पहले के 1,156 करोड़ रुपये की तुलना में 1,204 करोड़ रुपये) हुआ है।
हॉर्टिकल्चर एक्सपोट्र्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने कहा, 'एमईपी हटाए जाने से निर्यात में उछाल आई है। इसे हटाए जाने के बाद से भारत ने कमी वाले वाले सभी देशों - श्रीलंका, सुदूर पश्चिमी और मध्य एशियाई देशों को प्याज निर्यात करना शुरू कर दिया है।'
गिरते दामों को थामने के लिए सरकार ने अगस्त के आखिर में ताजा प्याज या फ्रोजन प्याज के निर्यात पर एमईआईएस के रूप में दिसंबर तक और बाद में अगले तीन महीनों यानी मार्च 2017 तक पांच प्रतिशत का प्रोत्साहन शुरू किया था।
सबसे बड़े विपणन केंद्रों में शामिल नासिक जिले के पिम्पलगांव की कृषि उत्पाद बाजार समिति के निदेशक अतुल शाह ने कहा, 'एमईपी हटाए जाने से निर्यातकों ने अपने बलबुते पर विदेशी बाजारों में प्याज निर्यात करना शुरू कर दिया है। इससे पहले वे ऑर्डर के आधार पर बिक्री किया करते थे।'
जोरदार उत्पादन पर मंद घरेलू कीमतों ने निर्यात को बढ़ावा दिया है। आगे चलकर विदेशों में भी कीमतों में गिरावट आने लगी। दो महीने पहले के 10-12 रुपये प्रति किलोग्राम की तुलना में मौजूदा दाम 5-6 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रहे हैं। असल में यह कीमत पश्चिम एशिया और पूर्वी क्षेत्र के देशों में निर्यात की वास्तविक लागत से भी तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से कम है। शाह ने कहा कि इसका मतलब यह है कि अब निर्यात में गिरावट आएगी।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान में इस साल उत्पादन में 11 प्रतिशत के साथ 2.1 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान है। (BS Hindi)

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