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01 फ़रवरी 2017

कृषि क्षेत्र को 10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज उपलब्ध कराने का लक्ष्य -बजट 2017

दिल्ली वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले पांच साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है तथा कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
जेटली ने बुधवार को अपने बजट भाषण में कहा, ‘वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि लोन के लिये लक्ष्य रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है।पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर में सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये विशेष उपाय करेगी।
सरकार तीन लाख रुपये तक अल्पकालीन फसल कर्ज सब्सिडीशुदा सात प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है। कर्ज के समय पर भुगतान के लिये किसानों को प्रोत्साहन के रूप में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त राहत दी जाती है।
इस प्रकार, फसल ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 4.0 प्रतिशत बैठती है। वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि चालू वित्त वर्ष में मानूसन के बेहतर रहने से कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहेगी। खरीफ और रबी दोनों फसलों की बुवाई अधिक रही है।
जेटली ने कहा कि पिछले साल शुरू की गयी नई फसल बीमा योजनाप्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाके लिये चालू वित्त वर्ष में आवंटन बढ़ाकर 13,240 करोड़ रपये किया गया है जो बजट प्रस्ताव में पहले 5,500 करोड़ रुपये था। अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में इस योजना के लिए 9,000 करोड़ रपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दायरा 2016-17 में 30 प्रतिशत फसल क्षेत्र से बढ़ाकर 2017-18 में 40 प्रतिशत तथा 2018-19 में 50 प्रतिशत किया जाएगा।
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अलग से 5,000 करोड़ रुपये के कोष से सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये डेयरी अतिरिक्त आय का प्रमुख जरिया है। ऐसे में सरकार 2,000 करोड़ रपये के शुरूआती कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष गठित करेगी जिसे तीन साल में बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपये किया जाएगा।
जेटली ने यह भी कहा कि सरकार ठेका कृषि मॉडल कानून बनाएगी जिसे राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा।
दिल्ली (जेएनएन)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले पांच साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है तथा कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। - See more at: http://www.jagran.com/business/biz-budget-announcement-for-farmers-15462190.html?src=JAG-NAV-BUS-ART#sthash.15zV2Zao.dpuf
दिल्ली (जेएनएन)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले पांच साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है तथा कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। - See more at: http://www.jagran.com/business/biz-budget-announcement-for-farmers-15462190.html?src=JAG-NAV-BUS-ART#sthash.15zV2Zao.dpuf
दिल्ली (जेएनएन)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले पांच साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है तथा कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
जेटली ने बुधवार को अपने बजट भाषण में कहा, ‘वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि लोन के लिये लक्ष्य रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है।‘ पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर में सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये विशेष उपाय करेगी।
सरकार तीन लाख रुपये तक अल्पकालीन फसल कर्ज सब्सिडीशुदा सात प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है। कर्ज के समय पर भुगतान के लिये किसानों को प्रोत्साहन के रूप में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त राहत दी जाती है।
इस प्रकार, फसल ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 4.0 प्रतिशत बैठती है। वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि चालू वित्त वर्ष में मानूसन के बेहतर रहने से कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहेगी। खरीफ और रबी दोनों फसलों की बुवाई अधिक रही है।
जेटली ने कहा कि पिछले साल शुरू की गयी नई फसल बीमा योजना ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के लिये चालू वित्त वर्ष में आवंटन बढ़ाकर 13,240 करोड़ रपये किया गया है जो बजट प्रस्ताव में पहले 5,500 करोड़ रुपये था। अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में इस योजना के लिए 9,000 करोड़ रपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दायरा 2016-17 में 30 प्रतिशत फसल क्षेत्र से बढ़ाकर 2017-18 में 40 प्रतिशत तथा 2018-19 में 50 प्रतिशत किया जाएगा।‘
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अलग से 5,000 करोड़ रुपये के कोष से सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये डेयरी अतिरिक्त आय का प्रमुख जरिया है। ऐसे में सरकार 2,000 करोड़ रपये के शुरूआती कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष गठित करेगी जिसे तीन साल में बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपये किया जाएगा।
जेटली ने यह भी कहा कि सरकार ठेका कृषि मॉडल कानून बनाएगी जिसे राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा।
- See more at: http://www.jagran.com/business/biz-budget-announcement-for-farmers-15462190.html?src=JAG-NAV-BUS-ART#sthash.15zV2Zao.dpuf
दिल्ली (जेएनएन)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले पांच साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है तथा कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
जेटली ने बुधवार को अपने बजट भाषण में कहा, ‘वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि लोन के लिये लक्ष्य रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है।‘ पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर में सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये विशेष उपाय करेगी।
सरकार तीन लाख रुपये तक अल्पकालीन फसल कर्ज सब्सिडीशुदा सात प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है। कर्ज के समय पर भुगतान के लिये किसानों को प्रोत्साहन के रूप में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त राहत दी जाती है।
इस प्रकार, फसल ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 4.0 प्रतिशत बैठती है। वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि चालू वित्त वर्ष में मानूसन के बेहतर रहने से कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहेगी। खरीफ और रबी दोनों फसलों की बुवाई अधिक रही है।
जेटली ने कहा कि पिछले साल शुरू की गयी नई फसल बीमा योजना ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के लिये चालू वित्त वर्ष में आवंटन बढ़ाकर 13,240 करोड़ रपये किया गया है जो बजट प्रस्ताव में पहले 5,500 करोड़ रुपये था। अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में इस योजना के लिए 9,000 करोड़ रपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दायरा 2016-17 में 30 प्रतिशत फसल क्षेत्र से बढ़ाकर 2017-18 में 40 प्रतिशत तथा 2018-19 में 50 प्रतिशत किया जाएगा।‘
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अलग से 5,000 करोड़ रुपये के कोष से सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये डेयरी अतिरिक्त आय का प्रमुख जरिया है। ऐसे में सरकार 2,000 करोड़ रपये के शुरूआती कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष गठित करेगी जिसे तीन साल में बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपये किया जाएगा।
जेटली ने यह भी कहा कि सरकार ठेका कृषि मॉडल कानून बनाएगी जिसे राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा।
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दिल्ली (जेएनएन)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले पांच साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है तथा कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
जेटली ने बुधवार को अपने बजट भाषण में कहा, ‘वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि लोन के लिये लक्ष्य रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है।‘ पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर में सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये विशेष उपाय करेगी।
सरकार तीन लाख रुपये तक अल्पकालीन फसल कर्ज सब्सिडीशुदा सात प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है। कर्ज के समय पर भुगतान के लिये किसानों को प्रोत्साहन के रूप में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त राहत दी जाती है।
इस प्रकार, फसल ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 4.0 प्रतिशत बैठती है। वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि चालू वित्त वर्ष में मानूसन के बेहतर रहने से कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहेगी। खरीफ और रबी दोनों फसलों की बुवाई अधिक रही है।
जेटली ने कहा कि पिछले साल शुरू की गयी नई फसल बीमा योजना ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के लिये चालू वित्त वर्ष में आवंटन बढ़ाकर 13,240 करोड़ रपये किया गया है जो बजट प्रस्ताव में पहले 5,500 करोड़ रुपये था। अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में इस योजना के लिए 9,000 करोड़ रपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दायरा 2016-17 में 30 प्रतिशत फसल क्षेत्र से बढ़ाकर 2017-18 में 40 प्रतिशत तथा 2018-19 में 50 प्रतिशत किया जाएगा।‘
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अलग से 5,000 करोड़ रुपये के कोष से सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये डेयरी अतिरिक्त आय का प्रमुख जरिया है। ऐसे में सरकार 2,000 करोड़ रपये के शुरूआती कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष गठित करेगी जिसे तीन साल में बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपये किया जाएगा।
जेटली ने यह भी कहा कि सरकार ठेका कृषि मॉडल कानून बनाएगी जिसे राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा।
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दिल्ली (जेएनएन)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले पांच साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है तथा कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
जेटली ने बुधवार को अपने बजट भाषण में कहा, ‘वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि लोन के लिये लक्ष्य रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है।‘ पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर में सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये विशेष उपाय करेगी।
सरकार तीन लाख रुपये तक अल्पकालीन फसल कर्ज सब्सिडीशुदा सात प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है। कर्ज के समय पर भुगतान के लिये किसानों को प्रोत्साहन के रूप में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त राहत दी जाती है।
इस प्रकार, फसल ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 4.0 प्रतिशत बैठती है। वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि चालू वित्त वर्ष में मानूसन के बेहतर रहने से कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहेगी। खरीफ और रबी दोनों फसलों की बुवाई अधिक रही है।
जेटली ने कहा कि पिछले साल शुरू की गयी नई फसल बीमा योजना ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के लिये चालू वित्त वर्ष में आवंटन बढ़ाकर 13,240 करोड़ रपये किया गया है जो बजट प्रस्ताव में पहले 5,500 करोड़ रुपये था। अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में इस योजना के लिए 9,000 करोड़ रपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दायरा 2016-17 में 30 प्रतिशत फसल क्षेत्र से बढ़ाकर 2017-18 में 40 प्रतिशत तथा 2018-19 में 50 प्रतिशत किया जाएगा।‘
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अलग से 5,000 करोड़ रुपये के कोष से सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये डेयरी अतिरिक्त आय का प्रमुख जरिया है। ऐसे में सरकार 2,000 करोड़ रपये के शुरूआती कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष गठित करेगी जिसे तीन साल में बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपये किया जाएगा।
जेटली ने यह भी कहा कि सरकार ठेका कृषि मॉडल कानून बनाएगी जिसे राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा।
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जेटली ने बुधवार को अपने बजट भाषण में कहा, ‘वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि लोन के लिये लक्ष्य रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है।‘ पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर में सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये विशेष उपाय करेगी।
सरकार तीन लाख रुपये तक अल्पकालीन फसल कर्ज सब्सिडीशुदा सात प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है। कर्ज के समय पर भुगतान के लिये किसानों को प्रोत्साहन के रूप में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त राहत दी जाती है।
इस प्रकार, फसल ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 4.0 प्रतिशत बैठती है। वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि चालू वित्त वर्ष में मानूसन के बेहतर रहने से कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहेगी। खरीफ और रबी दोनों फसलों की बुवाई अधिक रही है।
जेटली ने कहा कि पिछले साल शुरू की गयी नई फसल बीमा योजना ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के लिये चालू वित्त वर्ष में आवंटन बढ़ाकर 13,240 करोड़ रपये किया गया है जो बजट प्रस्ताव में पहले 5,500 करोड़ रुपये था। अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में इस योजना के लिए 9,000 करोड़ रपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दायरा 2016-17 में 30 प्रतिशत फसल क्षेत्र से बढ़ाकर 2017-18 में 40 प्रतिशत तथा 2018-19 में 50 प्रतिशत किया जाएगा।‘
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अलग से 5,000 करोड़ रुपये के कोष से सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये डेयरी अतिरिक्त आय का प्रमुख जरिया है। ऐसे में सरकार 2,000 करोड़ रपये के शुरूआती कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष गठित करेगी जिसे तीन साल में बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपये किया जाएगा।
जेटली ने यह भी कहा कि सरकार ठेका कृषि मॉडल कानून बनाएगी जिसे राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा।
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